कोर्ट का आदेश भी ताक पर! ट्रंप ने 261 अप्रवासियों को भेजा सुपरमैक्स जेल
News Image

अमेरिकी सरकार ने विवादित ढंग से 261 वेनेजुएलाई नागरिकों को डिपोर्ट कर अल सल्वाडोर की सुपरमैक्स जेल में भेज दिया, जबकि अमेरिकी अदालत ने इस पर अस्थायी रोक लगा दी थी.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने इन नागरिकों को ड्रग्स गिरोह से जुड़ा अपराधी करार देते हुए एलियन एनिमी एक्ट के तहत कार्रवाई की.

अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि इनमें से 238 लोग कुख्यात वेनेजुएलाई गिरोह ट्रेन डी अरागुआ के सदस्य थे, जबकि 23 अन्य MS-13 जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधी संगठन से जुड़े थे.

डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स ई. बोआसबर्ग ने शनिवार को इन लोगों के निर्वासन पर रोक लगाने का आदेश दिया था.

ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने दावा किया कि जब तक कोर्ट का आदेश आया, तब तक विमान पहले ही उड़ान भर चुके थे.

अदालत ने दो विमानों को वापस बुलाने का निर्देश दिया, जिनमें से एक अल सल्वाडोर और दूसरा होंडुरास की ओर रवाना हुआ था. हालांकि, इस आदेश को प्रशासन ने अमल में नहीं लाया.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने इसे कानूनी रूप से आधारहीन बताते हुए कहा कि अदालत के आदेश से पहले ही ये नागरिक अमेरिका से बाहर भेजे जा चुके थे.

1798 में पारित एलियन एनिमी एक्ट युद्धकाल के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को शत्रु देशों के नागरिकों को हिरासत में लेने, प्रतिबंधित करने या देश से निर्वासित करने की शक्ति देता है. यह कानून एलियन एंड सेडिशन एक्ट्स के तहत पारित हुआ था.

ट्रम्प प्रशासन ने अल सल्वाडोर के साथ समझौता किया है, जिसके तहत अमेरिका के हिंसक अपराधियों और अवैध अप्रवासियों को वहां की जेलों में रखा जाएगा. इस समझौते को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंजूरी दी और इसे ऐतिहासिक बताया.

अल सल्वाडोर ने 2023 में दुनिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक आतंकवादी बंदी केंद्र (CECOT) का निर्माण किया था, जिसकी क्षमता 40,000 कैदियों तक है. राष्ट्रपति नायब बुकेले ने इस जेल में अमेरिकी अपराधियों को रखने की पेशकश की थी.

बुकेले को अल सल्वाडोर में अपराध दर को कम करने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने 2019 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद सख्त कानून लागू किए और 2022 में स्टेट ऑफ इमरजेंसी घोषित कर दी.

उनकी नीतियों से 2024 में अल सल्वाडोर में हत्या के मामलों में भारी गिरावट आई, जो 2015 में 6,656 थी, वह अब घटकर 114 रह गई. इसी के चलते उन्हें 2024 के चुनाव में 85% वोटों के साथ फिर से राष्ट्रपति चुना गया.

इस कदम पर मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया है. अमेरिका की यह नीति वैश्विक मंच पर विवाद का विषय बन सकती है. अब देखना यह होगा कि आगे इस नीति को लेकर क्या रुख अपनाया जाता है.

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

खई के पान बनारस वाला पर महिला पुलिसकर्मी के ठुमके, सोशल मीडिया पर वायरल

Story 1

वडोदरा हादसा: कौन है रक्षित चौरसिया? एक महीने पहले भी पुलिस स्टेशन के काटे चक्कर!

Story 1

बलूचिस्तान में सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला, वीडियो जारी!

Story 1

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता देबेंद्र प्रधान का निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Story 1

इंडिया मास्टर्स ने वेस्टइंडीज मास्टर्स को हराकर जीता IML 2025 का खिताब

Story 1

हाफिज सईद: अस्पताल में, जेल में या जहन्नुम? अफवाहों के बीच सच क्या है!

Story 1

राजनाथ सिंह और अमेरिकी खुफिया प्रमुख की गुप्त प्लानिंग: क्या खालिस्तानी अब अलग तरीके से होंगे खाली?

Story 1

लाल सागर में भीषण जंग! अमेरिकी जहाजों पर हूती विद्रोहियों का हमला, अमेरिकी फाइटर जेट उगल रहे आग

Story 1

गाय और किंग कोबरा की अनोखी दोस्ती: देखकर दंग रह गए लोग!

Story 1

देखो वो आ गया! लाफ्टर शेफ्स 2 में करण कुंद्रा की ग्रैंड एंट्री, भारती सिंह हुईं भावुक