उत्तर प्रदेश के संभल जिले में इस वर्ष सालार मसूद गाजी की याद में होने वाले नेजा मेला के आयोजन को प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
संभल के ASP श्रीश चन्द्र दीक्षित ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि किसी लुटेरे और आक्रांता की याद में किसी भी प्रकार के मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई ऐसा करने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व वर्षों में, संभल में नेजा मेला का आयोजन महमूद गजनवी के भांजे सालार मसूद गाजी की स्मृति में किया जाता था। इस बार भी मुस्लिम समुदाय इसे उसी तरह आयोजित करना चाहता था, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय से इस मेले को सद्भावना मेला के नाम से आयोजित करने का सुझाव दिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस पर पिछले वर्ष सहमति बन गई थी। संभल की SDM वंदना मिश्रा ने भी साफ किया है कि सालार मसूद के नाम से कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में ASP श्रीश चन्द्र दीक्षित से मुलाकात की। ASP दीक्षित ने सालार महमूद की सच्चाई बताते हुए उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया और चेतावनी दी कि यदि ऐसा हुआ तो पुलिस कार्रवाई करेगी।
वायरल हो रहे एक वीडियो में ASP दीक्षित को यह कहते हुए सुना जा सकता है, इतिहास गवाह है कि वह महमूद गजनवी का सेनापति था, उसने सोमनाथ को लूटा था। पूरा देश यह जानता है। किसी लुटेरे की याद में यहां कोई मेले का आयोजन नहीं होगा। अगर किसी ने यह करने का प्रयास किया तो कठोर कार्रवाई होगी, निश्चिंत रहिएगा।
ASP ने आगे कहा, किसी भी लुटेरे के प्रति आप कहेंगे कि यह बहुत अच्छा है, तो यह बिलकुल नहीं माना जाएगा। अगर आप लोग अभी तक कर रहे थे तो यह कुरीति थी और आप अज्ञानता में यह कर रहे थे। अगर जानबूझ कर रहे थे तो आप देशद्रोही थे।
मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि यह मेला लगातार आयोजित होता रहा है। इस पर ASP ने स्पष्ट किया कि ऐतिहासिक तथ्य सालार मसूद की क्रूरता को साबित करते हैं। उन्होंने उनसे पूछा कि क्या उसने सोमनाथ को लूटा था और क्या वह गजनवी का सेनापति था।
ASP ने कहा, उसने सोमनाथ को लूटा था और इस देश के प्रति अपराध किया था। इस देश के प्रति अपराध करने वाले को कहीं बख्शा नहीं जाएगा... लुटेरे की याद में कोई नेजा (झंडा-निशान) नहीं गड़ेगा। अगर ये झंडा गड़ गया तो आप देशद्रोही हैं।
गाजी सैयद सालार मसूद एक इस्लामी आक्रांता था। इतिहासकारों के अनुसार, महमूद गजनवी को सोमनाथ मंदिर ध्वस्त करने की सलाह उसी ने दी थी। उसने 16 वर्ष की आयु में सिंधु नदी पार कर मुल्तान पर कब्जा किया और 18 महीने बाद दिल्ली पहुंचा। 1034 में बहराइच के महाराजा सुहेलदेव ने उसे युद्ध में मार गिराया था।
*सम्भल: क्रूर आक्रांता सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर हर वर्ष लगने वाले नेजा मेला की पुलिस ने नहीं दी इजाजत.
— Shivam Pratap Singh (@journalistspsc) March 17, 2025
ASP बोले: कोई कुरीति सालों से चली आ रही है तो उसे बदलने की जरूरत है. गजनवी के भांजे मसूद गाज़ी ने भारत में क्रूरता की थी, ऐसे लुटेरे-हत्यारे की याद में नहीं होगा कोई मेला. pic.twitter.com/Q0ccGY5gQZ
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