चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान: बहिष्कार, हाइब्रिड मॉडल और फिर फाइनल में फजीहत! पूरे टूर्नामेंट में रोता रहा पाकिस्तान
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पाकिस्तान में आयोजित आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बिना हारे खिताब अपने नाम किया। फाइनल मुकाबला पाकिस्तान में नहीं बल्कि दुबई में खेला गया।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया था। इसलिए इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल के तहत कराया और भारतीय टीम ने अपने सभी मैच दुबई में खेले।

लेकिन इस पूरे टूर्नामेंट में मेजबान देश पाकिस्तान शुरू से लेकर अंत तक किसी न किसी बात को लेकर रोता ही रहा। चैंपियंस ट्रॉफी का शेड्यूल जारी होने से फाइनल मुकाबला होने तक हर बार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की फजीहत होती रही।

जब बीसीसीआई ने भारतीय टीम को पाकिस्तान दौरे पर जाने से मना किया, तो पीसीबी को बहुत बुरा लगा। पाकिस्तानी दिग्गजों ने टूर्नामेंट का बहिष्कार करने की मांग कर दी। कुछ ने तो यह भी कहा कि भारतीय टीम को टूर्नामेंट से बाहर कर श्रीलंका को शामिल कर लेना चाहिए और टूर्नामेंट पाकिस्तान में ही कराया जाना चाहिए।

जब चैंपियंस ट्रॉफी का शेड्यूल जारी करने का आईसीसी पर दबाव बना तो उसने पाकिस्तान को हाइब्रिड मॉडल के लिए मनाया। पीसीबी इसके लिए मान भी गया, लेकिन इसके लिए उसे 2027-28 तक भारत की मेजबानी में होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट को भी हाइब्रिड मॉडल के तहत कराने की शर्त रखनी पड़ी।

पाकिस्तान इस शर्त पर हाइब्रिड मॉडल के लिए मान गया और चैंपियंस ट्रॉफी का शेड्यूल जारी कर दिया गया। इसमें बताया गया था कि यदि भारतीय टीम फाइनल में पहुंचती है, तो यह खिताबी मुकाबला भी दुबई में होगा।

लेकिन भारत तो नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान ही चैंपियंस ट्रॉफी में ग्रुप स्टेज से बाहर हो गया। वह भी बगैर कोई मैच जीते और सिर्फ 5 दिन में ही बाहर हो गया।

फाइनल में आकर भी पाकिस्तान की फजीहत का सिलसिला नहीं रुका। खिताब जीतने के बाद जब अवॉर्ड सेरेमनी हुई, तब स्टेज पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का एक भी अधिकारी नजर नहीं आया। पीसीबी ने कहा कि वह इस मामले को लेकर आईसीसी में शिकायत दर्ज कराएगा।

टूर्नामेंट के आगाज से कुछ दिन पहले पाकिस्तान के स्टेडियम में चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने वाले सभी देशों के झंडे लगाए गए थे। मगर भारतीय तिरंगा नहीं लगाया गया था। उस दौरान भी पाकिस्तान की जमकर आलोचना हुई थी। बाद में पीसीबी ने चुपके से इस गलती को सुधारा।

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