लखनऊ: पूर्व AAP नेता और कवि कुमार विश्वास एक बार फिर अपनी विवादित टिप्पणियों के कारण सुर्खियों में हैं। एक वायरल वीडियो में विश्वास यह कहते नजर आ रहे हैं कि 1990 के दशक के मंडल कमीशन के आंदोलन ने भारत में जातिवाद की खाई को चौड़ा कर दिया।
मंडल आंदोलन को बताया जातिवाद की जड़
विश्वास ने कहा, जब मैं छोटा था तो मेरे गांव में जातिवाद नहीं था। लेकिन 1990 के दशक में, एक व्यक्ति ने आरक्षण के नाम पर आंदोलन चलाया और समाज को गहरी जातियों में बांटने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि वीपी सिंह, जो उस समय प्रधानमंत्री थे, ने जातिवाद के बीज बोए जिससे समाज को नुकसान पहुंचा।
जातिवाद को मानने से इनकार
विश्वास ने कहा कि वह जाति प्रथा में विश्वास नहीं करते और अपने या अपने बच्चों के नाम के साथ जाति नहीं जोड़ते। उन्होंने कहा, मैं इस छद्म प्रथा को मानने से इंकार करता हूं।
राजनीतिक प्रेरणा का आरोप
विश्वास की टिप्पणियों को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि वह भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। विश्वास को हाल ही में भाजपा के कार्यक्रमों में भाग लेते देखा गया है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्ष ने विश्वास की टिप्पणियों पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने उन्हें कविराज कहकर खूब लताड़ा था। उन्होंने कहा कि विश्वास इतिहास को विकृत कर रहे हैं और अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं हुई
नवभारत टाइम्स इस दावे की पुष्टि नहीं करता कि वायरल वीडियो हाल ही में रिकॉर्ड किया गया था। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि वीडियो पुराना है।
*1970-80 में जातिवाद नहीं था...सब बराबर थे...
— Bhagat Ram (@bhagatram2020) January 7, 2025
लेकिन 1990 में मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने से देश में जातिवाद शुरु हो गया...
एक व्यक्ति ने देश को गहरे जातियों में बाँट दिया...
-विश्वास कुमार शर्मा उर्फ़ बीमार विषवास pic.twitter.com/oUgs07ndHf
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