भारत-फ्रांस के मजबूत रिश्तों की मिसाल: फ्रांसीसी विमानवाहक युद्धपोत भारत पहुंचा
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फ्रांसीसी नौसेना एक्शन में

फ्रांस का परमाणु ऊर्जा से चलने वाला विशाल विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल और उसका पूरा कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (CSG) भारत पहुंच गया है और गोवा के मोरमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट जेटी पर मौजूद है। यह पोत भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के साथ संयुक्त अभ्यास करेगा, जिसमें फ्रांसीसी राफेल मरीन भी शामिल होंगे। इसके बाद, यह ला पेरोस अभ्यास के लिए इंडोनेशियाई क्षेत्र और पैसिफिक स्टेलर अभ्यास के लिए प्रशांत महासागर जाएगा।

भारत-फ्रांस संबंधों की मजबूती का प्रतीक

इस विमानवाहक पोत के साथ भारतीय नौसेना का 42वां वरुण अभ्यास आयोजित किया जाएगा, जो दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग और समुद्र में एक साथ काम करने की क्षमता को मापने के लिए है। यह अभ्यास भारत और फ्रांस के बीच मजबूत रक्षा साझेदारी और रणनीतिक संबंधों को प्रदर्शित करता है।

चार्ल्स डी गॉल की विशेषताएं

चार्ल्स डी गॉल केवल फ्रांस का प्रमुख सैन्य जहाज ही नहीं है, बल्कि एक विशाल कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (CSG) का भी हिस्सा है, जिसमें विध्वंसक, फ्रिगेट और अन्य युद्धपोत शामिल हैं। यह समूह समुद्र में युद्ध की स्थिति में अद्वितीय ताकत प्रदान करता है।

भारत-फ्रांस का सैन्य सहयोग

भारत 1998 से फ्रांस का सबसे प्रमुख रणनीतिक साझेदार रहा है और दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग उत्कृष्ट रहा है। इसमें द्विपक्षीय अभ्यास शामिल हैं जैसे भूमि पर शक्ति, समुद्र में वरुण और हवा में गरुड़। भारत ने फ्रांसीसी नौसेना के जहाजों द्वारा कई स्टॉपओवर की मेजबानी की है, और 2022 से अब तक 16 पोर्ट कॉल किए गए हैं।

हिंद महासागर में सामूहिक सुरक्षा में फ्रांस की भूमिका

फ्रांस हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) का सदस्य है, जिसे भारत ने स्थापित किया था। यह मंच हिंद महासागर क्षेत्र के 25 देशों की नौसेनाओं को एकजुट करता है और समुद्री सुरक्षा मुद्दों को हल करने के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देता है।

समुद्री सुरक्षा अभियानों में फ्रांस की सक्रियता

फ्रांस ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए यूरोपीय अटलांटा ऑपरेशन, संयुक्त टास्क फोर्स 150 और समुद्री सुरक्षा के लिए यूरोपीय संघ के एस्पाइड्स ऑपरेशन जैसे महत्वपूर्ण मिशनों में हिस्सा लिया है। ये अभियान समुद्र में स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हैं। यूरोपीय संघ की सुरक्षा नीति के तहत अटलांटा ऑपरेशन समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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