मिर्चपुर दलित हत्याकांड: जाटों की हिंसा में दलित बस्ती जली, छोटी सी घटना बनी बेघर होने की वजह
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मिर्चपुर की घटना

19 अप्रैल, 2010 को हरियाणा के मिर्चपुर में एक कुत्ते के भौंकने को लेकर दलित और जाट समुदाय के बीच विवाद हिंसा में बदल गया। अगले दिन, जाटों की एक बड़ी भीड़ ने दलित बस्ती पर हमला कर दिया और घरों को आग लगा दी। दो निर्दोष दलितों, तारा चंद और उनकी विकलांग बेटी सुमन की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए।

हिंसा के बाद का मंजर

इस घटना के बाद, राज्य सरकार की राहत और पुनर्वास की कोशिशों के बावजूद, हिंसा को रोकने में नाकामी सामने आई। मिर्चपुर की घटना ने एक बार फिर जातिवाद की गहरी जड़ों को उजागर किया।

दलितों के खिलाफ हिंसा की सच्चाई

मिर्चपुर की घटना ने दलितों के खिलाफ हिंसा की एक गंभीर तस्वीर पेश की। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि दलितों के खिलाफ हिंसा सिर्फ एक व्यक्तिगत घटना नहीं है, बल्कि समाज में गहरे दबे हुए जातिवाद का परिणाम है।

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