भारत देव भूमि है, और यहाँ की सनातन प्रजा के आराध्य हैं देवी और देवता , इन सभी देवों का निवास स्थल देवालय अर्थात मंदिर को माना गया है , मंदिर ही इस सनातन संस्कृति की चेतना के केंद्र हैं ; एक समय था जब भारत में लाखों वैभवशाली मंदिर हुआ करते थे, मगर पिछली कई शताब्दियों से भारत पर निरंतर विदेशी आक्रमण होते रहे हैं, भारत पर कुल 18 सभ्यताओं ने आक्रमण किये और असंख्य मंदिरों को तोडा गया उसके बाद भी हमारे देश में कुछ उत्कृष्ट मंदिर सुरक्षित बच गए थे, जो आज अपने वैभव शिल्प और चमत्कारिक प्रभाव के कारण विश्व प्रसिद्द हैं | तो चलिए आज जानते हैं इन 11 मंदिरों के बारे में:-
द्वारका मंदिर गुजरात के जामनगर जिले में स्थित एक नगर तथा हिन्दू तीर्थस्थल है। हिन्दू धर्मग्रन्थों के अनुसार, भगवान कॄष्ण ने इसे बसाया था। यह श्रीकृष्ण की कर्मभूमि है। यह हिन्दुओं के साथ सर्वाधिक पवित्र तीर्थों में से एक तथा चार धामों में से एक है। यह सात पुरियों में एक पुरी है। यह नगरी भारत के पश्चिम में समुन्द्र के किनारे पर बसी है।
रामेश्वरम मंदिर का निर्माण स्वयं श्री राम ने लंका के लिए समुद्र पर पुल बाँध कर किया था | हिन्दू धर्म में इस मंदिर का बड़ा ही महत्व है क्यों कि चारों धामों में यह प्रथम है | यह दक्षिण बहरत के सुप्रसिद्ध मंदिरों में से एक है
इस मंदिर को बदरीनारायण मंदिर भी कहते हैं, यह अलकनंदा नदी के किनारे उत्तराखंड राज्य में स्थित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के रूप बदरीनाथ जी विराजमान हैं। यह हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। ऋषिकेश से यह 295 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित है
यह भी चार धामों में से एक है यहां भी लाखों की सख्ंया भारत के विभिन्न हिस्सों से भक्त दर्शन के लिये आते हैं. इस मंदिर की कई एकड़ जमीन को राजाओं ने जमीदरों ने दान के रूप में दिया था. इस मंदिर के निर्माण कार्य को कलिंग राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने आरम्भ कराया था। सन ११९७ में जाकर ओडिआ शासक अनंग भीम देव ने इस मंदिर को वर्तमान रूप दिया था।.यह मंदिर वैष्णव परंपराओं और संत रामानंद से जुड़ा हुआ है। यह गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के लिये खास महत्व रखता है।
केदारेश्वर (केदारनाथ) ज्योतिर्लिंग के प्राचीन मन्दिर का निर्माण पाण्डवों ने कराया था, जो पर्वत की 11750 फुट की ऊँचाई पर अवस्थित है। केदारनाथ मन्दिर की ऊँचाई 80 फुट है, जो एक विशाल चौकोर चबूतरे पर खड़ा है। हिन्दू अनुयायियों में यह मंदिर अब चमत्कारिक मंदिरों की श्रेणी में है , क्यों की हाल ही में आई प्रयंकारी तबाही भी इस मंदिर का कुछ नहीं बिगड़ स्की जबकि बड़े बड़े पर्वत भी टूट गए थे
यह मंदिर भारत के प्राचीन मंदिरों में एक है. गुजरात के इस मशहूर मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण कराया जा चुका है. इस मंदिर की गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में होती है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। इस मंदिर के दर्शन के लिये भी बड़ी संख्या में दूर दूर से शिव भक्त आते हैं.
मीनाक्षी सुन्दरेश्वरर मन्दिर भारत के तमिल नाडु राज्य के मदुरई नगर, में स्थित एक ऐतिहासिक मन्दिर है। यह हिन्दू देवता शिव एवं देवी पार्वती दोनो को समर्पित है। यह मन्दिर तमिल भाषा के गृहस्थान 2500 वर्ष पुराने मदुरई नगर, की जीवनरेखा है। तीर्थ और पर्यटन की दृष्टि से यह सुन्दरतम है| यहां शिल्पकारी के विहंगम रूप देखने को मिलते हैं.
नई दिल्ली में बना स्वामिनारायण अक्षरधाम मन्दिर हिन्दुओं का विशालतम सांस्कृतिक तीर्थ है। इसे ज्योतिर्धर भगवान स्वामिनारायण की स्मृति में बनवाया गया है। यह परिसर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मन्दिर परिसर होने के नाते 26 दिसम्बर 2007 को यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया। देश विदेश से इस मंदिर के दर्शनार्थी आते रहते हैं |
यह एक पवित्रतम हिंदू मंदिर है, जो भारत के जम्मू और कश्मीर में वैष्णो देवी की पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर में माँ वैष्णो देवी, जो माता रानी और वैष्णवी के रूप में भी जानी जाती हैं, की प्रतिमा शिला रूप में विद्यमान हैं| मंदिर, 5,200 फ़ीट की ऊंचाई और कटरा से लगभग 12 किलोमीटर (7.45 मील) की दूरी पर स्थित है। हर साल लाखों तीर्थयात्री मंदिर का दर्शन करते हैं
तिरुवनन्तपुरम में स्िथत पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत का सबसे धनी मंदिर है , इस मंदिर के गर्भाशय में शेषनाग पर विराजे भगवान विष्णु की विशालकाय प्रतिमा रखी है. शयन मुद्रा में बैठै विष्णु जी के इस रूप के दर्शन के लिये हर दिन हजारों लोग आते हैं. हाल ही के कुछ वर्ष मंदिर के खजाने में करीब 1 लाख करोड़ रुपये होने की पुष्टि हुई थी
तिरूपति मंदिर भारत के मशहूर तीर्थस्थलों में अत्यंत भव्य मंदिर है. आंध्र प्रदेश स्िथत इस मंदिर में हर दिन करीब 70 हजार भक्त दर्शन करने आते हैं. तिरुपति में पहाड़ी के शीर्ष पर वेंकटेश्वर को समर्पित एक मन्दिर है। पवित्र जलप्रपातों व जलाशयों के बीच स्थित यह मन्दिर द्रविड़ कला का एक अनुपम उदाहरण है तथा सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है।