भारत की आड़ में चीन पर निशाना! ट्रम्प की जिनपिंग को धमकी - समझौता नहीं तो 155% टैरिफ!
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ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ आगामी बैठक से पहले बड़ा बयान दिया है। उन्होंने चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियों को अमेरिका की पिछली नीतियों का नतीजा बताया। ट्रंप ने दावा किया कि बाइडन और ओबामा की नीतियों के कारण दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए।

भारत के रूस से तेल आयात को लेकर बात करते हुए ट्रंप ने चीन पर निशाना साधा। उन्होंने भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा दिलाया है कि भारत साल के अंत तक रूस से लगभग 40% कम तेल खरीदेगा। ट्रंप ने कहा, भारत ने वाकई शानदार कदम उठाया है। मोदी जी से बात हुई, और उन्होंने आश्वासन दिया कि रूस से तेल खरीद में बड़ी कटौती की जाएगी।

ट्रंप का मानना है कि रूस और चीन की दोस्ती मजबूरी की है, स्वाभाविक नहीं। दोनों देशों के बीच रिश्ता कभी अच्छा नहीं रहा। लेकिन बाइडन और ओबामा ने ऐसी नीतियां बनाईं, जिनसे ये एक-दूसरे के करीब आ गए, उन्होंने कहा। ट्रंप का मानना है कि अगर चीन और रूस का गठजोड़ और मजबूत हुआ, तो यह दुनिया में सामरिक संतुलन को बदल सकता है।

ट्रंप ने बताया कि उनकी शी जिनपिंग से मुलाकात अगले हफ्ते दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान होगी। बातचीत में मुख्य रूप से रूसी तेल आयात और रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के उपाय पर चर्चा होगी। मेरा असली मकसद यह जानना है कि हम रूस-यूक्रेन युद्ध को कैसे खत्म कर सकते हैं - चाहे ऊर्जा के जरिए या तेल के जरिए।

ट्रंप को उम्मीद है कि शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर प्रभाव डालकर संघर्षविराम के लिए मना सकते हैं। शी जिनपिंग बहुत प्रभावशाली नेता हैं, बहुत बड़े देश के प्रमुख हैं, और मुझे लगता है कि उनका पुतिन पर बड़ा असर पड़ सकता है, ट्रंप ने कहा।

ट्रंप अगले हफ्ते मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा पर जा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात फिलहाल रद्द कर दी गई है।

हाल ही में ट्रंप ने चीन को 155% तक टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर 1 नवंबर तक व्यापार समझौता नहीं हुआ, तो यह भारी शुल्क लागू किया जाएगा। ट्रंप के अनुसार, वर्तमान में चीन 55% तक टैरिफ दे रहा है, लेकिन समझौता न होने पर यह तीन गुना तक बढ़ सकता है।

ट्रंप को अगले साल की शुरुआत में चीन का दौरा करने का न्योता मिला है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। यह मुलाकात अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव और रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अमेरिका ने हाल ही में चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।

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