बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन वापसी की अंतिम तिथि नजदीक आते ही महागठबंधन में सीटों को लेकर घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संकट को सुलझाने के लिए अशोक गहलोत को पटना भेजा, जिन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की।
महागठबंधन के सहयोगी दलों के उम्मीदवार बिहार की 11 सीटों पर आमने-सामने हैं, जिनमें RJD और कांग्रेस के उम्मीदवार ज्यादा हैं। मीटिंग के बावजूद कोई हल नहीं निकला, लेकिन गहलोत ने भरोसा दिलाया कि गुरुवार तक सब कुछ सुलझ जाएगा।
बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू अब तक RJD नेताओं से बातचीत कर रहे थे, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। गहलोत ने कहा कि नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है और 24 घंटे में सारे मुद्दे सुलझ जाएंगे। महागठबंधन के नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे जिसके बाद सारी स्थिति साफ़ हो जाएगी।
गहलोत ने सीट विवाद को कम करके दिखाने की कोशिश की और कहा कि 243 सीटों में से 5-10 सीटों पर फ्रेंडली फाइट कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महागठबंधन एकजुट होकर NDA के खिलाफ लड़ेगा और राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मिलकर चुनाव प्रचार शुरू करेंगे।
इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव की चुप्पी ने कांग्रेस नेताओं में बेचैनी बढ़ा दी है। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महागठबंधन में सब ठीक है और कल सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि सीटों को लेकर कार्यकर्ताओं में निराशा है और वोटरों के बीच गलत संदेश जा रहा है। उन्होंने फ्रेंडली फाइट को भी गलत बताया। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भी सीट शेयरिंग विवाद और उम्मीदवार चयन पर नाराजगी जताई।
महागठबंधन की खींचतान पर NDA नेताओं ने तंज कसा है। चिराग पासवान ने कहा कि जो लोग दो-तीन पार्टियों के बीच तालमेल नहीं बना पा रहे, वे बिहार को क्या संभालेंगे। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा।
चुनावी पंडितों का मानना है कि तेजस्वी यादव चाहते थे कि राहुल गांधी उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसलिए उन्होंने सीटों का पेंच फंसा दिया। उम्मीद है कि गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस, तेजस्वी को महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित करेगी।
सीट झगड़े के बीच RJD को कैमूर जिले की मोहनिया विधानसभा सीट (आरक्षित) से उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन खारिज होने से बड़ा झटका लगा।
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनावी वादों की झड़ी लगा दी, और महिला वोटरों को लुभाने की कोशिश की। उन्होंने ऐलान किया कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो सभी जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा और उन्हें हर महीने 30 हजार रुपये तनख्वाह मिलेगी।
बीजेपी ने तेजस्वी के वादों को चुनावी शिगूफा बताया। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि लालू यादव ने पंद्रह साल राज किया, तब उन्हें महिलाओं की याद नहीं आई।
*#WATCH | Patna, Bihar: On meeting RJD chief Lalu Yadav and RJD leader Tejashwi Yadav, Congress observer for Bihar elections, Ashok Gehlot, says, We had a good discussion. There is a press conference tomorrow. Every confusion will be clear tomorrow. The Mahagathbandhan is… https://t.co/veMijNR7BB pic.twitter.com/Uf78VCVvFG
— ANI (@ANI) October 22, 2025
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