ट्रम्प का दावा: अमेरिकी नौसेना ने ड्रग्स से भरी पनडुब्बी को तबाह किया, 25 हजार अमेरिकियों की जान बचाई!
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अमेरिकी सेना ने कैरिबियाई सागर में एक पनडुब्बी को नष्ट कर दिया है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यह दावा किया है कि यह पनडुब्बी फेंटेनाइल और अन्य ड्रग्स से भरी हुई थी और अमेरिका की ओर बढ़ रही थी.

ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर कहा कि एक बहुत बड़ी ड्रग ले जाने वाली पनडुब्बी को तबाह करना उनके लिए गर्व का विषय है. यह अभियान उन मार्गों पर हुआ जो लंबे समय से ड्रग्स की तस्करी के लिए कुख्यात हैं. उन्होंने आगे कहा कि दो आतंकवादी मारे गए और दो को इक्वाडोर और कोलंबिया वापस भेजा जा रहा है. ट्रम्प का दावा है कि अगर उन्होंने इस पनडुब्बी को आने दिया होता तो कम से कम 25 हजार अमेरिकन मारे जाते.

कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने पुष्टि की है कि उनके देश के एक नागरिक को जिंदा वापस भेजा गया है. उन्होंने कहा कि वह जीवित है और उस पर कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा. इक्वाडोर की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

यह घटना सितंबर 2025 से शुरू हुए उस अमेरिकी सैन्य अभियान का हिस्सा है जिसका मकसद लैटिन अमेरिका से अमेरिका में ड्रग्स की सप्लाई रोकना है. अमेरिकी सेना अब तक कैरिबियाई सागर में छह जहाजों को निशाना बना चुकी है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान ड्रग्स की सप्लाई चेन पर निर्णायक प्रहार है. हालांकि, अमेरिका ने अब तक यह सबूत नहीं दिया है कि मारे गए सभी लोग वाकई में ड्रग तस्कर ही थे.

अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञों और मानवाधिकार संगठनों ने इस तरह की हत्याओं पर सवाल उठाए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बिना स्पष्ट सबूत और न्यायिक प्रक्रिया के ऐसी सैन्य कार्रवाइयां अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन मानी जा सकती हैं. एक सुरक्षा विश्लेषक ने कहा कि अगर ये व्यक्ति ड्रग्स के तस्कर थे तब भी उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा मिलनी चाहिए थी न कि समुद्र में मार गिराया जाना.

अमेरिकी प्रशासन ने पनडुब्बी के प्रस्थान बिंदु का खुलासा नहीं किया है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह संभवतः कोलंबिया या वेनेज़ुएला के गुप्त शिपयार्ड से रवाना हुई थी. ऐसी अर्ध-पनडुब्बियों का उपयोग वर्षों से दक्षिण अमेरिका से मध्य अमेरिका या मेक्सिको तक कोकीन पहुंचाने के लिए किया जाता रहा है.

फेंटेनाइल एक अत्यंत शक्तिशाली सिंथेटिक ड्रग अमेरिकी समाज के लिए एक नई महामारी बन चुकी है. पिछले कुछ सालों में अमेरिका में फेंटेनाइल ओवरडोज़ से लाखों मौतें दर्ज की गई हैं, इसलिए अमेरिकी प्रशासन इसे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा मानता है. ट्रम्प प्रशासन इस ड्रग को नियंत्रित करने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहा है, जिसमें ड्रग तस्करों के खिलाफ सीधे सैन्य एक्शन को भी शामिल किया गया है.

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