युसूफ पठान की अदीना मस्जिद यात्रा पर विवाद, बीजेपी ने बताया मंदिर !
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पश्चिम बंगाल की अदीना मस्जिद को लेकर मंदिर-मस्जिद विवाद फिर से गरमा गया है. पूर्व क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान द्वारा मस्जिद का दौरा करने और सोशल मीडिया पर इसकी तारीफ करने के बाद यह विवाद शुरू हुआ.

पठान ने अपने पोस्ट में 14वीं सदी में बनी इस मस्जिद को वास्तुकला का अद्भुत नमूना बताया. उन्होंने लिखा कि अदीना मस्जिद एक ऐतिहासिक मस्जिद है, जिसका निर्माण 1373-1375 के बीच सुल्तान सिकंदर शाह ने कराया था. यह अपने समय में भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी मस्जिद थी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा अदीना मस्जिद को संरक्षित किया गया है.

बेहरामपुर से टीएमसी सांसद पठान को सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा. लोगों ने उन पर इस ढांचे की कथित उत्पत्ति को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है.

पठान के पोस्ट पर भाजपा और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी. कई लोगों ने दावा किया कि यह आदिनाथ मंदिर था और मस्जिद उसी पर बनाई गई थी. पठान की पोस्ट के बाद कई यूज़र्स ने ऐतिहासिक संदर्भ और मस्जिद परिसर से कथित पत्थर की पट्टियों की तस्वीरें साझा कीं, जिन पर फूलों, कमल के फूलों और देवी-देवताओं की आकृतियां बनी थीं.

यह मंदिर-मस्जिद विवाद पहली बार 2022 में तब शुरू हुआ था जब भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रथींद्र बोस ने ट्वीट किया था कि आदिनाथ मंदिर मस्जिद के ढांचे के नीचे दबा हुआ है. बोस ने कहा था कि यह इतिहास बहुतों को नहीं पता है.

2024 में यह मुद्दा फिर से सुर्खियों में आया जब एक हिंदू पुजारी हिरण्मय गोस्वामी ने भक्तों के एक समूह का नेतृत्व किया और अदीना मस्जिद के परिसर के अंदर पूजा की. पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और संभावित सांप्रदायिक अशांति को टाल दिया. मालदा जिले में मुसलमानों की आबादी लगभग 52% है.

गोस्वामी ने दावा किया कि अपनी यात्रा के दौरान उन्हें एक शिवलिंग और हिंदू संस्कृति से जुड़े अन्य प्रतीक मिले. पुजारी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी.

ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि मामलों से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने इस विवाद को उठाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा. जैन ने अपने पत्र में हिंदुओं को मस्जिद परिसर में पूजा करने की अनुमति मांगी. उन्होंने कहा कि यह एक भव्य हिंदू मंदिर था और इसके कई प्रतीक अभी भी मौजूद हैं.

हालांकि, एएसआई ने तटस्थ रुख बनाए रखा है और कहा है कि अदीना मस्जिद राष्ट्रीय महत्व का स्मारक है. मस्जिद या मंदिर, इस विवाद पर अभी भी बहस जारी है.

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