झारखंड हाई कोर्ट में बिजली बिल से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान जज और वकील के बीच तीखी बहस हो गई। कोर्ट ने वकील महेश तिवारी के खिलाफ अवमानना का केस दर्ज कर लिया है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
दरअसल, वकील महेश तिवारी ने एक विधवा महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान जज राजेश कुमार को लेकर कुछ तीखी टिप्पणियां की थीं। इस पर जज ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, तिवारी जी, खोपड़ी खाली करके नहीं बैठे हैं न, खोपड़ी में है कुछ।
बहस के दौरान, वकील महेश तिवारी ने जज से कहा, मैं अपनी तरह से बहस कर सकता हूं, आपके तरीके से नहीं। कृपया इसका ध्यान रखें। किसी वकील को बेइज्जत करने की कोशिश मत करें। देश जल रहा है, ज्यूडिशियरी के साथ। आप बहुत जानते हैं, आप जज हो गए हैं, हम लोग नहीं जानते हैं, वकील हैं। मैं अपने तरीके से बहस करूंगा। लिमिट क्रॉस मत करिए। मैंने पिछले 40 सालों से प्रैक्टिस की है।
इस मामले के अगले दिन, हाई कोर्ट की फुल बेंच ने चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान, जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस रोंगन, जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस शंकर की मौजूदगी में महेश तिवारी के खिलाफ आपराधिक अवमानना मामले की सुनवाई शुरू की। मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
यह घटना तब हुई जब जस्टिस राजेश कुमार की सिंगल बेंच में एक महिला और बिजली कनेक्शन से जुड़े मामले की सुनवाई हो रही थी। महिला पर सवा लाख रुपये से ज्यादा का बकाया था, जिसके चलते बिजली बोर्ड ने उसके घर का कनेक्शन काट दिया था। कोर्ट ने महिला को 50 हजार रुपये जमा करने और बिजली बोर्ड को कनेक्शन फिर से शुरू करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान वकील तिवारी ने जज से अनुरोध किया कि महिला की आर्थिक हालत और दिवाली को देखते हुए, केवल 10-15 हजार रुपये जमा करने पर बिजली चालू कर दी जाए। इस पर जज ने कहा, इतनी भी हालत बुरी नहीं है। मुझे कानून के हिसाब से चलना पड़ेगा। मैं कोई कोर्ट ऑफ जस्टिस नहीं हूं, कोर्ट ऑफ लॉ हूं। मैं सही रकम जमा करने के बाद ही छूट दे सकता हूं।
वकील तिवारी ने कहा कि बकाया राशि बहुत अधिक है और 15 हजार रुपये से ज्यादा की मांग नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि महीने का बिल 200 रुपये से भी कम आता था। इस पर जज ने अपना सिर छूते हुए कहा, खोपड़ी खाली करके नहीं बैठे हैं, तिवारी जी। खोपड़ी में है कुछ... । इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वे हवा में कोई आदेश पारित नहीं कर सकते।
हालांकि, लंबी सुनवाई के बाद, वकील 50 हजार रुपये जमा करने पर सहमत हो गए, जिसके बाद बिजली चालू करने का आदेश दिया गया।
कुछ दिन पहले झारखंड हाईकोर्ट के इन्हीं जज साहब का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे एक IAS अधिकारी को फटकार लगा रहे थे।
— Ankit Kumar Avasthi (@kaankit) October 17, 2025
अब एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें एक एडवोकेट उनसे तल्ख़ भाषा में जवाब देते हुए कह रहे हैं -
“वकीलों को अपमानित मत कीजिए, अपनी मर्यादा में रहिए... देश… https://t.co/F0iTnpVc1R pic.twitter.com/zdB8PpNfwM
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