दिवाली से पहले, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने देश को एलसीए तेजस के एडवांस वर्जन का तोहफा दिया है।
शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में नासिक में स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए मार्क-1ए ने अपनी पहली उड़ान भरी। बेंगलुरु के बाद अब नासिक में भी HAL ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की एक नई असेंबली लाइन शुरू की है।
मार्क-1ए वर्जन एलसीए-तेजस हथियार और एवियोनिक्स के मामले में बहुत उन्नत है। यह 200 किलोमीटर की रेंज वाली हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, 360 डिग्री नज़र रखने वाले आइसा रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट, और हवा में रिफ्यूलिंग जैसी क्षमताओं से लैस है।
रक्षा मंत्री ने वायुसेना की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की वायु सीमा को जिस साहस और पराक्रम के साथ सुरक्षित रखा है, वह काबिले-तारीफ है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एयर वॉरियर के पराक्रम पर हर भारतीय को भरोसा है।
HAL नासिक पिछले छह दशकों से भारत की रक्षा विनिर्माण शक्ति का मजबूत स्तंभ रहा है। यहां कभी MiG-21 और MiG-27 जैसे विमानों का निर्माण होता था, और अब सुखोई-30 और तेजस जैसे आधुनिक विमान भी बन रहे हैं।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एक समय था जब देश अपनी रक्षा जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था और लगभग 65-70 प्रतिशत सैन्य उपकरण आयात किए जाते थे। लेकिन आज भारत 65 प्रतिशत निर्माण अपनी धरती पर कर रहा है और जल्द ही इसे 100% तक ले जाया जाएगा।
पहली उड़ान के बाद, जल्द ही इस फाइटर जेट से मिसाइल दागने का परीक्षण किया जाएगा। सभी हथियार इंटीग्रेट होने के बाद मार्क-1ए लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएंगे।
HAL के अनुसार, बेंगलुरु और नासिक में मिलाकर मार्क-1ए के कुल 10 फाइटर जेट तैयार हो चुके हैं। इनमें अमेरिका से मिले एफ-404 एविएशन इंजन भी लगने शुरू हो चुके हैं। दो साल की देरी के बाद HAL को अमेरिकी कंपनी जीई से 99 में से 04 इंजन मिल चुके हैं और इस साल 08 अन्य इंजन मिल सकते हैं।
वायुसेना को HAL से 180 मार्क-1ए फाइटर जेट मिलेंगे। पिछले महीने वायुसेना के पुराने पड़ चुके MiG-21 फाइटर जेट रिटायर हो चुके हैं, और इन मार्क-1ए से वायुसेना की स्क्वाड्रन की कमी पूरी की जाएगी।
पिछले महीने ही सरकार ने वायुसेना के लिए अतिरिक्त 97 स्वदेशी लड़ाकू विमान, एचसीए मार्क-1ए की खरीद को मंजूरी दी थी, जिसकी कुल कीमत करीब 62 हजार करोड़ है। इससे पहले साल 2021 में रक्षा मंत्रालय ने HAL से वायुसेना के लिए 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) मार्क-1ए का करार किया था, जिसकी कुल कीमत करीब 48 हजार करोड़ थी।
इन एलसीए लड़ाकू विमानों के लिए भारत ने अमेरिका की जीई कंपनी से 99 एफ-404 एविएशन इंजन का सौदा किया है। अमेरिका ने भरोसा दिलाया है कि मार्च 2026 तक कुल 12 इंजन की सप्लाई की जाएगी। HAL का दावा है कि इंजन सप्लाई ठीक होने से वायुसेना को इस साल (मार्च 2026) तक 10 लड़ाकू विमानों की सप्लाई हो सकती है।
पिछले छह दशकों से अधिक समय से HAL नासिक भारत की रक्षा विनिर्माण शक्ति का मज़बूत स्तंभ रहा है। कभी यहाँ MiG-21 और MiG-27 जैसे विमानों का निर्माण होता था, आज यह सुखोई-30 और तेजस जैसे आधुनिक विमानों का भी निर्माण कर रहा है। pic.twitter.com/CKPA8TdNFY
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 17, 2025
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