LOC पर सेना की सिंदूर रणनीति: DGMO का बड़ा खुलासा - पाकिस्तान को मिली करारी शिकस्त!
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भारतीय सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घोई ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान की नापाक हरकतों और भारत की जवाबी कार्रवाई का खुलासा करते हुए कहा कि उस समय पाकिस्तान सेना भारी दबाव में थी और अपनी छवि बचाने के लिए उसने नियंत्रण रेखा (LOC) पर कायराना हरकतें कीं।

भारतीय सेना ने न केवल आतंकियों को निशाना बनाया, बल्कि संभावित हमलों के हर पहलू के लिए पहले से ही रणनीति तैयार कर रखी थी। हमने पाकिस्तान की हर चाल का पूर्वानुमान लगाते हुए, दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने की पूरी तैयारी की थी।

लेफ्टिनेंट जनरल घोई ने भारतीय सेना की तैयारी पर कहा कि पाकिस्तान की सेना जबरदस्त दबाव में थी। उसे अपनी छवि और सेना की प्रतिष्ठा बचाने की चिंता थी। इसलिए उसने वही किया जो वह हमेशा करता है – कायराना हमला। लेकिन, भारतीय सेना की प्रतिक्रिया अपरिहार्य थी।

भारत ने बहुत स्पष्ट लक्ष्य तय किए थे – हम आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे, न कि किसी देश या सेना के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे थे। डीजीएमओ ने कहा कि भारतीय सेना का मकसद केवल आतंकी ठिकानों को खत्म करना था। जब तक हमारा उद्देश्य पूरा नहीं हुआ, हमने कार्रवाई जारी रखी। हमारा इरादा स्थिति को और भड़काने का नहीं था, जब तक कि हमें ऐसा करने के लिए मजबूर न किया जाए।

भारत ने जैसे ही आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने तुरंत सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी। लेकिन भारतीय सेना पहले से तैयार थी और किसी भी परिस्थिति का जवाब देने के लिए पूरी तरह तत्पर थी।

लेफ्टिनेंट जनरल घोई ने बताया कि पाकिस्तान ने हाल ही में 14 अगस्त को जो पुरस्कार सूची जारी की, उसमें असामान्य रूप से अधिक मरणोपरांत पुरस्कार शामिल थे। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा (LoC) पर 100 से ज्यादा सैनिकों की मौत झेलनी पड़ी। यह उनके लिए बड़ा झटका था, जिसे वे अब तक छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।

घोई ने स्पष्ट किया कि भारत पूरी तैयारी के साथ कार्रवाई में उतरा था। कुछ लोग कहते हैं कि हम केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहे थे और पाकिस्तान के जवाब के लिए तैयार नहीं थे। यह सोचना नादानी है। भारतीय सेना जैसी पेशेवर सेना कभी भी बिना तैयारी किसी अभियान में नहीं उतरती।

हमने चार से पांच कदम आगे की वॉरगेमिंग (युद्ध-रणनीति) की थी। हमें पता था कि पाकिस्तान क्या करेगा। इसलिए हमने उन्हें उनके दूसरे स्तर पर जाकर मारा, जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। यही कारण है कि उन्हें इतनी बड़ी संख्या में हताहतों का सामना करना पड़ा। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की हर संभावित चाल का पूर्वानुमान लगा लिया था।

लेफ्टिनेंट जनरल घोई ने कहा कि भारत का उद्देश्य संघर्ष नहीं, बल्कि शांति और सुरक्षा की रक्षा है। हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर हमारी सीमाओं या नागरिकों पर हमला हुआ, तो जवाब तय है और वह निर्णायक होगा। भारत न तो उकसावे में आता है, न ही डरता है, लेकिन अगर देश की सुरक्षा को खतरा हुआ, तो जवाब निश्चित और निर्णायक होगा।

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