पाकिस्तान एक बहुमुखी संकट का सामना कर रहा है, जिसमें तालिबान से खतरे, धार्मिक चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) की हिंसा और अब बलूचिस्तान में बढ़ते असंतोष शामिल हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पाकिस्तान के अंदर हमले बढ़ा दिए हैं। टीटीपी पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करना चाहता है और सरकार को गैर-इस्लामी बताकर निशाना बनाता है। इससे पाकिस्तानी सेना को सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार हमले झेलने पड़ रहे हैं।
आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता ने स्थिति और गंभीर कर दी है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगभग दिवालिया हो चुकी है, जो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ऋण पर निर्भर है। इमरान खान की गिरफ्तारी और सेना और जनता के बीच बढ़ते तनाव ने अस्थिरता को और बढ़ा दिया है। आम जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है।
इन सभी कारणों से, पाकिस्तान आज एक तरह से चौतरफा युद्ध में फंस गया है। बलूचिस्तान प्रांत में, लोग लंबे समय से स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की मांग कर रहे हैं। सरकार पर अक्सर बलूचों पर अत्याचार करने और #BalochGenocide करने का आरोप लगता है।
सोशल मीडिया पर #BalochGenocide ट्रेंड कर रहा है। लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, और पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा बलों पर बलूचों के खिलाफ अत्याचार, गुमशुदगी, हत्या और मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। ट्वीट्स में बताया जा रहा है कि कैसे बलूच लोग शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, मार्च कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पुलिस और अन्य अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।
हाल के ट्वीट्स मुल्तान के निश्तार अस्पताल में मिले 200 से अधिक सड़े-गले शवों की घटना पर केंद्रित हैं, जो तीन साल पहले की है। ये ट्वीट्स ज्यादातर भावुक, आक्रोशपूर्ण और न्याय की मांग करने वाले हैं। मुख्य ट्वीट्स में घटना का वर्णन और आंकड़े साझा किए गए हैं।
लोग निश्तार अस्पताल की घटना का उल्लेख कर रहे हैं, जहां 200 से अधिक बलूच लोगों के शव मिले थे। आरोप है कि ये शव अपहरण, यातना और ठिकाने लगाने की कहानी बताते हैं। मांओं, बहनों और परिवारों के दर्द पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। कई ट्वीट में सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
ट्वीट्स में पाकिस्तानी सेना/सरकार पर सीधे तौर पर अपहरण, गांव जलाने और सामूहिक कब्रों में दफनाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। लोग न्याय और वैश्विक ध्यान की मांग कर रहे हैं, और संयुक्त राष्ट्र (यूएन), ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से चुप्पी तोड़ने की अपील कर रहे हैं।
कुछ ट्वीट्स में #RepublicOfBalochistan और #BalochistanIsNotPakistan जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं, जो बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग राष्ट्र मानने की मांग करते हैं।
हालांकि, कुछ ट्वीट्स ऐसे भी हैं, जो इन आरोपों को गलत बताते हैं और कहते हैं कि ये बातें साजिश, प्रचार या भारत के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा हैं।
बलूचिस्तान में जारी संकट पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती है, जो पहले से ही कई समस्याओं से जूझ रहा है। यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है और क्या वह बलूच लोगों की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है।
At Nishtar Hospital, Multan, hundreds of mutilated, decomposed bodies have been found. These are not corpses — they are the disappeared. The abducted. The silenced.
— Nighat Abbas (@Nighat_Abbass) October 13, 2025
This is not law & order. This is genocide.#BalochGenocide reaching the tantamount!@AadiAchint @AMirza86155555 pic.twitter.com/t9NtFG4JRF
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