दो साल बाद घर लौटे 7 इजरायली बंधक: मां ने कहा- अब कोई युद्ध नहीं!
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गाजा की सुरंगों से लेकर इजराइल के सैन्य ठिकानों तक, दो साल से चल रही एक इंतजार की कहानी आखिरकार खत्म हुई. हमास द्वारा 2023 में अपहरण किए गए सात इजरायली बंधक अब अपने घर लौट आए हैं.

यह वापसी इतनी भावुक थी कि पूरा देश रो पड़ा. किसी के गले लगकर मां फूट-फूटकर रोई, तो किसी पिता ने बेटे का चेहरा छूकर यकीन किया कि वो जिंदा है. यह सब इजराइली रक्षा बल (IDF) और सुरक्षा एजेंसी (ISA) के ऑपरेशन रिटर्निंग होम के कारण संभव हुआ.

इजराइल वॉर रूम के अनुसार, रिहा किए गए बंधकों में एतान मोर, गली बर्मन, जीव बर्मन, मटन आंगरेस्ट, ओमरी मिरन, गाइ गिलबोआ-दलाल और अलोन ओहेल शामिल हैं. गाजा से इजराइल पहुंचने पर, सबसे पहले उनका मेडिकल टेस्ट किया गया. फिर, उन्हें रेईम के पास बने एक सैन्य केंद्र में ले जाया गया, जहां उनके परिवार उनका इंतजार कर रहे थे.

मटन आंगरेस्ट की मां इनाव जगौकर ने बेटे को गले लगाते हुए कहा, तुम घर आ गए हो, अब कोई युद्ध नहीं है. यह खत्म हो गया. मैं तुमसे प्यार करती हूं. अलोन ओहेल के परिवार ने कहा, वह अपने पैरों पर खड़ा है. इन शब्दों में एक देश की राहत और एक मां-बाप की उम्मीद का पुनर्जन्म था.

रिहाई से पहले, हमास ने कुछ परिवारों को अपने प्रियजनों से दो साल बाद पहली बार बात करने की इजाजत दी थी. कुछ मिनटों की वो कॉल, जिसमें एक तरफ डर था, दूसरी तरफ उम्मीद, लेकिन इन कुछ शब्दों ने दोनों ओर की खामोशी तोड़ दी.

IDF ने इस मिशन को एक पवित्र मिशन बताया है. ऑपरेशन की कमान IDF चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जमीर के हाथों में थी. जमीर ने कहा, यह बहुत महत्वपूर्ण दिन है. हम युद्ध के मुख्य उद्देश्यों में से एक को पूरा कर रहे हैं. हमारा मिशन तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक आखिरी बंधक वापस नहीं आ जाता.

IDF के अनुसार, अभी भी 13 जीवित बंधक गाजा में हैं, जिन्हें जल्द ही रेड क्रॉस के जरिए इजराइल को सौंपा जाएगा. हर घर में अब एक ही सवाल है कि अगला कौन होगा जो लौटेगा? और हर मां के होंठों पर एक ही दुआ कि बस वो जिंदा हो.

इस रिहाई के पीछे अमेरिका की मध्यस्थता का बड़ा रोल रहा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजराइली संसद में संबोधन देंगे. ट्रंप की यात्रा को एक भावनात्मक समर्थन के रूप में देखा जा रहा है कि अमेरिका और इजराइल अब इस युद्ध को शांति की दिशा में मोड़ना चाहते हैं.

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