हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया को हटाने के बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि दोषी चाहे कितने भी प्रभावशाली क्यों ना हों, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि अगर किसी के साथ अन्याय हुआ है तो सरकार उसे न्याय दिलाने का काम करेगी. उन्होंने विपक्ष से इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति न करने की अपील की.
पंचकूला में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आईपीएस अधिकारी वाई पूरन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया.
मुख्यमंत्री ने इस घटना को बड़ी दुखद बताया और कहा कि जापान दौरे के दौरान जैसे ही उन्हें इस दुखद खबर मिली, उन्होंने तुरंत अधिकारी की पत्नी से बात कर उन्हें ढांढस बंधाया और अधिकारियों को उनके साथ घर भेजा. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले की गहराई से जांच कराएगी और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी.
इस बीच, पूरन कुमार के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए चंडीगढ़ पीजीआई लाया गया है. हालांकि, खबर लिखे जाने तक परिवार की ओर से पोस्टमार्टम के लिए सहमति नहीं मिली है. चंडीगढ़ की एसएसपी कुंवरदीप कौर ने बताया कि परिवार की सहमति मिलने के बाद ही पोस्टमार्टम किया जाएगा.
वहीं, अधिकारी वाई पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार के भाई अमित रतन ने आरोप लगाया है कि उनकी मर्जी के खिलाफ डेडबॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया है. अमित रतन भटिंडा ग्रामीण सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं.
शनिवार को हरियाणा सरकार ने दलित आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को उनके पद से हटा दिया. उनकी जगह सुरेंद्र सिंह भौरिया को पद की जिम्मेदारी दी गई है.
वाई पूरन कुमार की पत्नी अमनीत कुमार ने अपनी शिकायत में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया पर आरोप लगाया था कि दोनों उनके पति का मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे, जिसकी वजह से उनके पति ने आत्महत्या की. अमनीत दोनों अधिकारियों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग कर रही हैं.
अमनीत का आरोप है कि उनके पति ने उन्हें बताया था कि उनके साथ जाति के आधार पर भेदभाव होता था और उनके वरिष्ठ अधिकारी लगातार उनका मानसिक शोषण करते थे. उनका यह भी कहना था कि उनके खिलाफ कोई साजिश हो रही है और उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है, जिसके लिए वह डीजीपी को जिम्मेदार मानते थे.
गौरतलब है कि वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में जिन 15 सेवारत और रिटायर्ड आईएएस व आईपीएस अधिकारियों का जिक्र किया था, उन सभी के खिलाफ गुरुवार को एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार की अगुआई में छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया गया है.
*IPS पूरन को सीएम सैनी ने दी श्रद्धांजलि#IPSPuranKumar pic.twitter.com/Yq6zqrirdJ
— NDTV India (@ndtvindia) October 11, 2025
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