IAS संस्कृति जैन को सोने की पालकी में विदाई, सहकर्मियों के सम्मान से अधिकारी हुईं भावुक
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सिवनी, मध्य प्रदेश: IAS अधिकारी संस्कृति जैन को उनके सहकर्मियों ने ऐसी विदाई दी कि लोग देखते रह गए। उन्हें सोने सी पालकी में उनकी बेटियों के साथ बिठाकर भावुक कर देने वाली विदाई दी गई।

यह विदाई समारोह तब हुआ जब संस्कृति जैन भोपाल में अपनी नई पोस्टिंग के लिए सिवनी जिले से रवाना हो रही थीं। इस दौरान, उनके स्टाफ और सहकर्मियों ने उन्हें पालकी पर बिठाया और संगीत व जयकारों के साथ जश्न मनाया।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। इस पल में सम्मान, दुलार और ढेर सारा स्नेह स्पष्ट रूप से दिख रहा है। सहकर्मियों से इतना प्यार पाकर अधिकारी भी भावुक हो गईं। बैकग्राउंड में पालकी में होके सवार चली गाना बज रहा था, जिसने माहौल को और भी भावुक बना दिया।

सिवनी कलेक्टर के रूप में अपने 15 महीने के कार्यकाल के दौरान, संस्कृति जैन को कई प्रभावशाली पहलों के लिए जाना जाता है। उन्होंने लाडली बहन योजना को अटल पेंशन योजना के साथ मिलाया और सामुदायिक भागीदारी कार्यक्रमों के जरिए डेस्क और बेंच प्रदान करके प्राथमिक विद्यालयों का समर्थन किया। उनके कार्यकाल को जमीनी स्तर पर समावेशन को बढ़ावा देने और सार्वजनिक कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए व्यापक रूप से सराहा गया।

14 फरवरी 1989 को श्रीनगर में जन्मीं संस्कृति जैन एक मजबूत वायु सेना पृष्ठभूमि वाले परिवार से हैं। उनके पिता एक लड़ाकू पायलट थे और उनकी मां मेडिकल डिवीजन में कार्यरत थीं। बार-बार स्थानांतरण के कारण उन्होंने पूरे भारत में छह अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई की।

बिट्स पिलानी (गोवा कैंपस) से स्नातक करने के बाद, जैन ने शुरू में पीएचडी करने पर विचार किया। हालांकि, एक दोस्त के सुझाव पर वे यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठीं और अपने पहले ही प्रयास में इसे पास कर लिया। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में आईआरएस में एक स्थान हासिल किया और आखिरकार 2014 में 11 की प्रभावशाली अखिल भारतीय रैंक हासिल करते हुए अपने तीसरे प्रयास में आईएएस में शामिल हो गईं।

मध्य प्रदेश कैडर में आईएएस के 2015-बैच में शामिल होने के बाद से संस्कृति जैन ने रीवा नगर निगम के आयुक्त, सतना के अतिरिक्त कलेक्टर, मऊगंज के एसडीएम और अलीराजपुर और नर्मदापुरम में जिला पंचायतों के सीईओ सहित कई प्रमुख प्रशासनिक भूमिकाएं निभाई हैं।

सिवनी में उनका कार्यकाल प्रशासनिक दक्षता और जन-सम्पर्क के लिए जाना जाता था, जिसके कारण उन्हें खूब सम्मान मिला। उन्होंने अपने काम से लोगों के ऊपर एक गहरी छाप छोड़ी, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों ने उन्हें यह अनोखी विदाई दी।

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