बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव आयोग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किया है।
राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को सख्त चेतावनी दी गई है कि वे AI आधारित वीडियो या सामग्री का इस्तेमाल करके झूठी या भ्रामक सूचनाएं न फैलाएं। ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की सिंथेटिक या डीपफेक वीडियो बनाकर किसी विपक्षी दल या उम्मीदवार की छवि बिगाड़ने की कोशिश को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। सोशल मीडिया पर पोस्ट होने वाले हर एआई आधारित कंटेंट पर आयोग की टीम की नजर रहेगी।
ECI ने राजनीतिक दलों से कहा है कि यदि वे AI-जनरेटेड या डिजिटल रूप से एडिटेड सामग्री का उपयोग करते हैं, तो उसे साफ तौर पर AI-Generated, Digitally Enhanced या Synthetic Content जैसे टैग के साथ प्रकाशित करें। जनता को यह पता होना चाहिए कि वे जो वीडियो या ऑडियो देख रहे हैं, वह असली नहीं है बल्कि कंप्यूटर तकनीक से तैयार किया गया है।
आयोग ने पार्टियों को याद दिलाया कि चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष की आलोचना केवल उसकी नीतियों, कामकाज और पुराने प्रदर्शन के आधार पर की जा सकती है। किसी नेता की निजी जिंदगी या परिवार से जुड़े मुद्दों को निशाना बनाना अनैतिक और आचार संहिता का उल्लंघन है। बिना सबूत लगाए गए आरोप, फर्जी आंकड़े या तोड़-मरोड़कर पेश की गई जानकारी पर भी रोक लगाई गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी उतनी ही सख्ती बरती जाएगी जितनी मैदान में प्रचार के दौरान होती है। हर ट्वीट, वीडियो, पोस्ट या विज्ञापन पर नजर रखी जा रही है ताकि फेक वीडियो या AI आधारित झूठी सामग्री चुनावी माहौल को खराब न करे। सोशल मीडिया निगरानी के लिए एक विशेष टीम 24 घंटे डिजिटल प्रचार पर नजर रखेगी।
चुनाव आयोग ने चेतावनी दी है कि AI या किसी भी डिजिटल तकनीक का दुरुपयोग कर किसी की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें पार्टी की मान्यता रद्द होने से लेकर उम्मीदवार के नामांकन तक पर असर पड़ सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पारदर्शिता बनाए रखना आयोग की प्राथमिकता है।
दुनिया भर में AI जनरेटेड कंटेंट के जरिए राजनीतिक अफवाहें और गलत सूचनाएं तेजी से फैल रही हैं। ऐसे में ECI का यह कदम चुनाव प्रक्रिया की साख बनाए रखने के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। बिहार चुनाव 2025 में अब केवल उम्मीदवारों और पार्टियों का असली काम और वादे ही मायने रखेंगे। आयोग ने स्पष्ट संदेश दिया है - लोकतंत्र में पारदर्शिता और सच्चाई ही असली टेक्नोलॉजी है।
ECI directs political parties to adhere to MCC and relevant guidelines on the use of AI for synthetic videos targeting rival parties/candidates
— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 9, 2025
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