मैं खुद दलित, उन्हें पता नहीं तो क्या करूँ : CJI पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर का दावा
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर ने चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा है कि वह खुद दलित हैं और इस बात को साबित करने के लिए अपना जाति प्रमाण पत्र दिखाने को भी तैयार हैं।

यह खुलासा तब आया है जब कुछ लोग, खासकर वामपंथी विचारधारा से जुड़े, राकेश किशोर को दलित विरोधी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें ब्राह्मणवादी सोच से ग्रसित तक बताया जा रहा है।

ऑपइंडिया से विशेष बातचीत में राकेश किशोर ने स्पष्ट रूप से कहा, लोग मुझे नहीं जानते हैं, लेकिन मैं स्वयं एक दलित हूँ। मेरा नाम राकेश किशोर है, न पांडेय, न तिवारी, न गुप्ता और न जायसवाल। इसे साबित करने के लिए मैं अपने जाति प्रमाण पत्र के साथ अन्य कागजात भी दिखाने के लिए तैयार हूँ।

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले और वर्तमान में दिल्ली के मयूर विहार एक्सटेंशन में रहने वाले राकेश किशोर भगवान बुद्ध के विचारों से भी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें दुख होता है कि एक वर्ग हिंदुओं से कटकर अलग तैयार हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कल उनके घर का घेराव करने वाले लोग आताताई थे।

राकेश किशोर ने जोर देकर कहा कि गौतम बुद्ध ने कभी हिंदू धर्म को गाली नहीं दी और न ही उन्हें कभी बुरा-भला कहा। उन्होंने कहा, बौद्ध धर्म हमारा ही है, हमसे ही निकला है। हमारे एक बड़े पेड़ के ही तने जैसा निकला हुआ है। मैं भगवान बुद्ध की बहुत इज्जत करता हूँ, मैं उन्हें बहुत पढ़ता हूँ। मैं उनकी बातों पर चलता भी हूँ।

CJI गवई द्वारा भगवान विष्णु पर की गई टिप्पणी पर राकेश किशोर का कहना है कि उन्होंने जानबूझकर सनातन का अपमान किया है। उनके अनुसार, जो उनके दिल की जो भावनाएँ थीं वो सामने निकलकर आईं। उनके दिल में हिंदुओं के लिए, सनातन के लिए जो क्षोभ है, जो क्रोध है वो अपने आप से निकलकर सामने आया है।

राकेश किशोर ने इस बात पर भी टिप्पणी की कि CJI गवई ने उन्हें माफ कर दिया। उन्होंने कहा, CJI को पता है कि ये आदमी सत्य बोलेगा और हमारी (CJI) छीछालेदर हो जाएगी।

बार काउंसिल द्वारा वकालत का लाइसेंस रद्द किए जाने पर राकेश किशोर ने कहा कि उन्होंने अपना कोई जीवन दाँव पर नहीं लगाया जो भगवान का आदेश हुआ वही मैंने किया। उन्होंने कहा, मैंने खुद से कुछ नहीं किया। मुझे इस पर कोई पछतावा नहीं है। मैं उस समय कोई नशे में नहीं था पूरे होश में ही था। मैंने हिंदुओं को जगाने की कोशिश की है भगवान की कृपा होगी तो ऐसा हो जाएगा।

कोर्ट परिसर में वकीलों के समर्थन को लेकर राकेश किशोर ने कहा कि उनके विरोध में प्रदर्शन में शामिल होने के लिए केवल 5-6 ही वकील आए थे, जिससे पता चलता है कि उनके साथ कितने लोग हैं।

सोशल मीडिया पर मिल रहे लाखों लोगों के समर्थन पर राकेश किशोर ने सनातनियों से चुप न बैठने और अपने बच्चों को बताने का आग्रह किया कि देश में जितनी खंडित मूर्तियाँ हैं, उनके लिए मुहिम चलाएँ और उनका जीर्णोद्धार कराएँ। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार से पैसा न लें और अपना पैसा लगाएँ।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हिंसा, रोड़ जाम, तोड़फोड़, आगजनी या प्रदर्शन आदि करने के लिए नहीं कहेंगे। उन्होंने कहा कि अपना काम शांति से करें और कानून के दायरे में रहकर करें।

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