बारां: राजस्थान के अंता विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के साथ ही बारां जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। कांग्रेस नेता नरेश मीणा द्वारा टिकट की मांग को लेकर पार्टी में हलचल मच गई है।
मंगलवार शाम को नरेश मीणा ने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर टिकट मांगने का बड़ा सियासी दांव खेला। उन्होंने खुद के लिए दांव खेलते हुए टिकट देने के पांच प्रमुख कारण बताए हैं।
नरेश मीणा ने कांग्रेस हाईकमान और राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कहा कि उनके परिवार और खुद का कांग्रेस से वर्षों पुराना नाता रहा है। उन्होंने टिकट देने के लिए ये पांच तर्क दिए:
राजनीतिक पृष्ठभूमि: उनके पिता वर्ष 2000 में बारां में कांग्रेस पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष रहे हैं।
छात्र राजनीति में सक्रियता: 2002 में राजस्थान विश्वविद्यालय से एनएसयूआई (NSUI) के टिकट पर छात्रसंघ महासचिव पद के लिए चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
निर्दलीय चुनाव में प्रदर्शन: 2023 में छबड़ा विधानसभा से कांग्रेस टिकट मांगा, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और 45,000 वोट हासिल किए।
दौसा लोकसभा से टिकट की मांग: 2024 में कांग्रेस से दौसा लोकसभा सीट पर टिकट की मांग की, लेकिन पार्टी ने किसी और को मौका दिया।
देवली-उनियारा से निर्दलीय सफलता: विधानसभा उपचुनाव 2024 में देवली-उनियारा सीट से भी उन्होंने टिकट मांगा था। टिकट न मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरकर 60,000 वोट हासिल किए और दूसरे स्थान पर रहे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई।
नरेश मीणा ने अपने पत्र में कांग्रेस नेता प्रमोद जैन भाया पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बार-बार ऐसे व्यक्तियों को टिकट दिया जा रहा है, जिनका विधानसभा क्षेत्र में मात्र 1% वोट बैंक है, और जिन्होंने कोटा संभाग में कांग्रेस को कमजोर किया है। नरेश ने राहुल गांधी से अपील की कि इस बार अंता विधानसभा उपचुनाव में उन्हें टिकट देने पर विचार किया जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नरेश मीणा को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो नौजवान हैं, उन्हें थोड़ा सब्र रखना चाहिए। उनका लंबा राजनीतिक करियर है। उनसे एक बार मुलाकात भी हुई थी। मैं चाहूंगा कि वे शांत स्वभाव अपनाएं, सबको साथ लेकर चलें। अगर वे जल्दबाजी नहीं करेंगे तो राजनीति में बड़ी सफलता पा सकते हैं। गहलोत ने कहा कि राजनीति धैर्य का खेल है और जल्दबाजी में लिए गए निर्णय अक्सर नुकसानदायक साबित होते हैं।
अंता विधानसभा उपचुनाव अब राजस्थान की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल इस सीट को प्रतिष्ठा का विषय मान रहे हैं। आने वाले दिनों में प्रत्याशियों के नाम को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है। 11 नवंबर को मतदान होना है और 14 नवंबर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित होंगे।
*अंता उप चुनाव को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में :
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 7, 2025
अंता का चुनाव जीतेंगे, अंता का चुनाव जीतेंगे, प्रमोद जैन भाया पहले उम्मीदवार थे अब हमारे रंधावा साहब आ रहे हैं दिल्ली से, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी सब आपस में बैठकर बातचीत करेंगे, अब कौन उम्मीदवार हो उसका फैसला भी आजकल में… pic.twitter.com/nMz5eAsqtH
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