बिहार से चुनावी पारदर्शिता का नया अध्याय, आयोग ने किए बड़े बदलाव
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पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने ऐलान किया कि बिहार चुनाव में कुल 17 नए नियम लागू किए जा रहे हैं, जिनकी शुरुआत बिहार से होगी और बाद में इन्हें देशभर में अपनाया जाएगा. उन्होंने मतदाताओं से लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और मतदान को छठ जैसे सामूहिक उत्सव में बदलने की अपील की. बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है और उससे पहले चुनाव की पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

चुनाव आयोग ने पहली बार ईवीएम पर प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें लगाने का निर्णय लिया है, जिससे मतदाताओं को पहचानने में दिक्कत न हो. पोलिंग बूथों पर वोटिंग प्रक्रिया की लाइव मॉनिटरिंग होगी ताकि किसी भी गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. हर बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की व्यवस्था होगी जिससे भीड़ और अव्यवस्था से बचा जा सके.

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि ईवीएम की काउंटिंग यूनिट में अगर कोई मिसमैच होगा तो सभी वीवीपीएटी की गिनती पूरी तरीके से की जाएगी. इसी तरह से पोस्टल बैलट की गिनती भी ईवीएम के आखिरी दो राउंड से पहले पूर्ण करना अनिवार्य होगा. फिर ईवीएम के आखिरी दो राउंड होंगे.

अब मतदाता मोबाइल फोन लेकर मतदान केंद्र तक जा सकेंगे. वोट डालने से पहले बूथ के बाहर ही मोबाइल जमा करना होगा. आयोग का मानना है कि इस बदलाव से मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचना आसान होगा और आधुनिक संपर्क साधनों से उन्हें पूरी तरह कटना नहीं पड़ेगा.

बैलेट पेपर पर अब सीरियल नंबर पहले से बड़ा और स्पष्ट होगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी. पोस्टल बैलट की गिनती ईवीएम के आखिरी दो राउंड से पहले कर ली जाएगी. इससे परिणाम आने की प्रक्रिया तेज और अधिक पारदर्शी होगी. बूथ से 100 मीटर की दूरी पर प्रत्याशी अपने एजेंट तैनात कर सकेंगे ताकि मतदान प्रक्रिया पर नजर रखी जा सके.

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने यह भी कहा कि वोटर कार्ड मिलने में पहले परेशानी होती थी, लेकिन अब 15 दिनों में मिलना सुनिश्चित किया गया है. भारत में अब किसी मतदान केंद्र पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे, और इसे बिहार में पहली बार लागू किया जाएगा.

बिहार में पहली बार वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म लागू किया जा रहा है. इसके जरिए मतदान से जुड़ी सभी जानकारी एक ही जगह उपलब्ध होगी. मतदान खत्म होने के कुछ ही दिनों के भीतर डिजिटल इंडेक्स कार्ड जारी किया जाएगा जिसमें मतदान प्रतिशत, महिला वोटरों की भागीदारी और कुल वोटिंग का पूरा ब्योरा होगा. इससे चुनावी प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक पारदर्शी बन जाएगी.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने स्पष्ट किया कि 22 नवंबर से पहले बिहार चुनाव की पूरी प्रक्रिया संपन्न कर ली जाएगी. उन्होंने सभी दलों से आचार संहिता के पालन और मतदाताओं से लोकतांत्रिक भागीदारी की अपील की. उन्होंने कहा, जैसे छठ पर्व में हर वर्ग और समुदाय पूरे उत्साह से भाग लेता है, वैसे ही मतदान को भी एक सामूहिक पर्व बनाएं. अधिक से अधिक संख्या में बूथ पर पहुंचकर लोकतंत्र को मजबूत करें.

बिहार से शुरू हो रहे ये नए नियम भारतीय लोकतंत्र के चुनावी ढांचे में एक बड़ा बदलाव लाने वाले हैं. पारदर्शिता, आधुनिक तकनीक और मतदाताओं की सुविधा को केंद्र में रखकर बनाए गए ये प्रावधान आने वाले लोकसभा और राज्य चुनावों के लिए एक नया मानक तय करेंगे. बिहार इस बदलाव का पहला पड़ाव है- जहां से एक नए चुनावी युग की शुरुआत हो रही है.

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