योगी आदित्यनाथ न केवल अपराधियों का इलाज जानते हैं, बल्कि कूटनीतिक उपचार में भी माहिर हैं। जब अमेरिका भारत पर टैरिफ लगा रहा है, तब योगी ने इसका तोड़ निकाल लिया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मिलकर उन्होंने ट्रंप की टैरिफ बीमारी का इलाज खोज निकाला है, जिसका दूरगामी असर होगा। यह साझेदारी ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ एक मास्टर प्लान है।
नरेंद्र मोदी और पुतिन की दोस्ती तो सबने देखी है, लेकिन अब योगी भी पुतिन के साथ मिलकर टाइम ट्रस्टेड पार्टनरशिप मजबूत कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने रूस को यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का पार्टनर कंट्री बनाया है।
25 सितंबर को योगी आदित्यनाथ ने खुद रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद किया और उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
भारत ने 2025 तक रूस के साथ 2.60 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का लक्ष्य रखा है, जिसमें उत्तर प्रदेश एक अहम भूमिका निभाएगा। यहां 25 करोड़ की आबादी का बाजार है, जो रूस के लिए निवेश का बड़ा अवसर है।
इस साझेदारी का वैश्विक संदेश यह है कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्र है और किसी दबाव में झुकने वाली नहीं है। यह दिखाती है कि रूस की अहमियत भारत के लिए क्या है।
योगी आदित्यनाथ का यह प्लान न केवल उत्तर प्रदेश की तरक्की में सहायक होगा, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा, क्योंकि कई रूसी कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करेंगी।
रूसी कंपनियां सेमीकंडक्टर, रक्षा उत्पादन, एयरोस्पेस, नवीकरणीय ऊर्जा, दवा, रसायन और उन्नत तकनीकों के क्षेत्र में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं।
रूसी प्रतिनिधियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश निवेश के लिए एक रणनीतिक स्थान है। यहां बिजली की स्थिति सुधरी है, सुरक्षा मिल रही है और सरकार निवेशकों को व्यापार करने में सहूलियत दे रही है।
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने निवेश प्रक्रिया को सरल बनाया है और 20 क्षेत्रों में प्रोत्साहन नीतियाँ शुरू की हैं। ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024 के अंतर्गत वित्तीय सहायता, बिजली अनुदान और पूंजीगत व्यय सहायता दी जा रही है।
पश्चिमी देशों में जोखिम झेल रही रूसी कंपनियों को राजनीतिक स्थिरता वाला उत्तर प्रदेश पसंद आ रहा है।
लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइलें बननी शुरू हो गई हैं और अमेठी में AK-203 राइफल का उत्पादन हो रहा है। उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी विकसित किया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा को नॉलेज इकॉनोमी हब बनाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें रूस एक अहम सहयोगी बनेगा।
2019 में योगी आदित्यनाथ रूस गए थे, तभी उन्होंने उत्तर प्रदेश में निवेश की पटकथा लिखी थी। पश्चिमी देशों के रूस से दूरी बनाने के बावजूद, उत्तर प्रदेश औद्योगिक आत्मनिर्भरता, सुरक्षा उत्पादकता और टेक्नोलॉजी ट्रंसफर के क्षेत्र में सहयोग का उदाहरण पेश कर रहा है।
*#DNAWithRahulSinha | योगी ने ट्रंप का इलाज भी ढूंढ लिया है! योगी ने पुतिन के साथ कैसी डील की ?
— Zee News (@ZeeNews) September 27, 2025
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