दिल्ली बीएमडब्ल्यू कांड: आरोपी गगनप्रीत की हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ी, जमानत पर सुनवाई 20 को
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दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुए बीएमडब्ल्यू कार हादसे में गिरफ्तार गगनप्रीत कौर की न्यायिक हिरासत पटियाला हाउस कोर्ट ने 27 सितंबर तक बढ़ा दी है। आज गगनप्रीत की न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।

गगनप्रीत की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई शनिवार, 20 सितंबर को होगी।

14 सितंबर को धौला कुआं मेट्रो स्टेशन के पास हुए इस हादसे में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह (52 वर्ष) की मौत हो गई थी। उनकी पत्नी, संदीप कौर, गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।

गगनप्रीत कौर के वकील, निखिल कोहली ने तर्क देते हुए अपनी मुवक्किल के लिए जमानत मांगी और दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक्सीडेंट के मामले को IPC 304 (BNS 105) में बदल दिया है, और जानबूझकर केवल 304 लगाई है, जिसकी सजा उम्र कैद है।

गगनप्रीत के वकील ने यह भी कहा कि गिरफ्तारी के 10 घंटे बाद FIR दर्ज की गई, और उनके दोनों बच्चे भी गाड़ी में थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एक एम्बुलेंस देखने के बाद भी नहीं रुकी।

गगनप्रीत के वकील ने यह भी दलील दी कि पुलिस का कहना है कि गगनप्रीत गाड़ी को 20 किलोमीटर दूर क्यों ले गई, इसलिए 304 लगाई गई। हादसे के वक्त बीएमडब्लू कार में चालक गगनप्रीत, ड्राइवर गुलफाम, पति परीक्षित कक्कड़, 4 साल का बेटा और नौकरानी सवार थे। वकील ने कहा कि हादसे के बाद गगनप्रीत ने नवजोत और उनकी पत्नी को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन बच्चों और पति को कहीं और भेज दिया। वकील ने यह भी कहा कि हादसे के समय नवजोत बस से टकराए, इसलिए उस बस को भी पकड़ना चाहिए।

पीड़ित नवजोत के परिवार के वकील ने कहा कि घायल को नजदीक के हॉस्पिटल ले जाया जाना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि गगनप्रीत ने घायल नवजोत को कॉरिडोर में स्ट्रेचर पर रखवा दिया, जबकि खुद को, जो ठीक दिख रही थी, आईसीयू में भर्ती करवा लिया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सामने बेस हॉस्पिटल होते हुए भी वहां क्यों नहीं ले जाया गया। उन्होंने कहा कि गाड़ी की गति इतनी ज्यादा थी कि बीएमडब्लू पलट गई और एयर बैग तक खुल गए।

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि गगनप्रीत उतनी घायल नहीं थी जितना बताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने दूर अस्पताल में भर्ती करवाया, जिसमें काफी समय लगा। पुलिस ने टैक्सी ड्राइवर का बयान भी पेश किया, जिसमें ड्राइवर ने कहा कि बार-बार नजदीक के हॉस्पिटल चलने के लिए कहने पर भी गगनप्रीत ने उनकी बात नहीं सुनी।

दिल्ली में 15 सितंबर को रिंग रोड पर हुए इस हादसे में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत हो गई थी। नवजोत सिंह के बेटे नवनूर सिंह ने भी अस्पताल पहुंचने की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उनके मां-पिताजी को हादसे के बाद 22 किलोमीटर दूर अस्पताल लाया गया, और बीएमडब्लू की चालक महिला भी उसी अस्पताल में थी, जिसका उन्हें 5 घंटे बाद पता चला।

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