क्या भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ युद्ध में हो गया है सीजफायर?
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भारत और अमेरिका के बीच एक टैरिफ युद्ध चल रहा है, जिसे खत्म करने के लिए दिल्ली में एक 7 घंटे की मीटिंग हुई। इस मीटिंग का उद्देश्य दोनों देशों के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध को समाप्त करना था।

दिल्ली में भारत और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधियों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत हुई। बातचीत को दोनों देशों ने सकारात्मक बताया है। इस वार्ता में यह फैसला लिया गया कि दोनों देशों के लिए लाभकारी व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रयासों को और तेज किया जाएगा।

अमेरिका की ओर से भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने के कारण छठे दौर की बातचीत टाली गई थी। अब माना जा रहा है कि आज की बातचीत से छठे दौर की वार्ता का रास्ता तैयार हो सकता है।

अमेरिकी टीम का नेतृत्व ब्रेंडन लिंच कर रहे थे। वहीं भारतीय टीम का नेतृत्व वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल कर रहे थे।

पिछले 10 दिनों से डॉनल्ड ट्रंप ने वार्ता के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि भारत और अमेरिका व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए वार्ता जारी रखेंगे। ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को विशेष बताया और कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है।

दोनों देशों के बीच विवाद का एक मुद्दा कृषि और डेयरी सेक्टर को लेकर अमेरिका की मांग है। अमेरिका चाहता है कि उसके डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, पनीर, घी को भारत में आयात की अनुमति मिले।

अमेरिका में बेहतर पोषण के लिए पशुओं की हड्डियों से बने एंजाइम को गाय के खाने में मिलाया जाता है। भारत ऐसी गाय के दूध को नॉन वेज मिल्क यानी मांसाहारी दूध मानता है।

रूस से तेल खरीदने का मुद्दा भी दोनों देशों के बीच बातचीत में बाधा है। अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है।

भारत पर मनमाना टैरिफ लगाने की वजह से अमेरिका में महंगाई बढ़ रही है। अगस्त में महंगाई दर बढ़कर 2.9 प्रतिशत पर पहुंच गई। अमेरिका के आयातक और रिटेलर बढ़ा हुआ दाम अमेरिकी खरीदारों पर थोप रहे हैं।

ट्रंप 2026 के मध्यावधि चुनाव से पहले खुद को कुशल राजनेता के रूप में पेश करना चाहते हैं। साथ ही ट्रंप चीन की चुनौती से निपटने के लिए एक बार फिर भारत को अमेरिका के करीब लाना चाहते हैं।

अमेरिका की एक और टीम स्पेन में चीन से वार्ता कर रही है। अमेरिका में अब यह धारणा मजबूत होती जा रही है कि टैरिफ के नाम पर उसने अपनी ही मुसीबत बढ़ा ली है।

वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने मक्का के निर्यात को लेकर भारत पर निशाना साधते हुए कहा, भारत अपनी 140 करोड़ की आबादी पर गर्व करता है, लेकिन अमेरिकी कृषि निर्यात के मामले में बहुत कम खुलापन दिखाता है। भारत शेखी बघारता है कि उसकी आबादी 140 करोड़ है, फिर भी वो हमसे एक बोरी मक्का भी नहीं खरीदता।

अगस्त महीने में भारत के निर्यात में लगभग 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं आयात में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।

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