दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हथियारों के बल पर डकैती करने वाले एक खतरनाक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने पिछले महीने आनंद विहार इलाके में एक पान मसाला व्यापारी के गोदाम से 14 लाख रुपये लूट लिए थे। पुलिस ने इस वारदात के आरोप में गिरोह के तीन डकैतों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दीपक शर्मा, मोमिन और आमिर सुहैल के रूप में हुई है। पुलिस उपायुक्त (अपराध) संजीव कुमार यादव ने बताया कि तीनों आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उनके पास से दो देसी पिस्तौल, एक बेरेटा पिस्तौल, 17 जिंदा कारतूस और वारदात में इस्तेमाल की गई कार बरामद की गई है। गिरोह का सरगना राशिद अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
31 अगस्त को हुई इस डकैती से इलाके में दहशत फैल गई थी। आरोपियों ने आनंद विहार की ऋषभ विहार सोसाइटी में स्थित गोदाम में घुसकर व्यापारी को बंदूक की नोक पर बंधक बनाया और 14 लाख रुपये लूट लिए। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि इस वारदात में पांच लोग शामिल थे और उन्होंने नकली नंबर प्लेट वाली कार का इस्तेमाल किया था।
पुलिस ने जांच के दौरान राशिद के गिरोह के बारे में पता लगाया। 10 सितंबर को क्राइम ब्रांच ने आमिर सुहैल और दीपक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान हुए खुलासे के आधार पर मोमिन को भी गिरफ्तार किया गया। मोमिन के पास से एक देसी पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस मिले, जबकि सुहैल के पास से एक और बंदूक और गोला-बारूद बरामद किया गया। दीपक शर्मा के पास से पुलिस को बेरेटा पिस्तौल और 10 कारतूस मिले।
दीपक शर्मा ने पूछताछ में बताया कि उसे आठ महीने पहले पता चला था कि गोदाम में बड़ी मात्रा में नकदी रखी जाती है। उसने यह बात राशिद को बताई। शुरू में राशिद दिल्ली में वारदात करने से हिचकिचा रहा था, लेकिन अगस्त में उसने हामी भर दी। उसने गिरोह के साथियों को इकट्ठा कर डकैती की योजना बनाई।
31 अगस्त को राशिद, सुहैल, राहुल, समीर, मोमिन और दीपक गाजियाबाद के अर्थला पीर से नकली नंबर प्लेट वाली कार में आनंद विहार के लिए निकले। डकैती को अंजाम देने के बाद गिरोह बागपत चला गया, जहां लूटे गए पैसों का आपस में बंटवारा किया गया। राशिद ने गिरोह के सदस्यों को पुलिस से बचने के लिए मोबाइल फोन न रखने की सख्त हिदायत दी थी।
इस गिरोह ने अलीगढ़ में एक और बड़ी डकैती की साजिश रची थी। उन्हें सूचना मिली थी कि हवाला का करीब 80 से 90 लाख रुपये एक मोटरसाइकिल से ले जाया जा रहा है। इसके लिए 5 सितंबर को गिरोह ने रेकी भी की, लेकिन योजना पूरी करने से पहले ही पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया।
दीपक शर्मा के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पहले से ही हत्या, सशस्त्र डकैती और शस्त्र अधिनियम के सात मामले दर्ज हैं। मोमिन हत्या का दोषी है और 12 साल की सजा काट चुका है। वो गिरोह को हथियार सप्लाई करता था। सुहैल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह गुरुग्राम में घरेलू उपकरणों की दुकान चलाता था और आसानी से पैसा कमाने के लालच में इस गिरोह से जुड़ गया।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि गिरोह के बाकी सदस्यों और सरगना राशिद की तलाश के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। इस केस की सूचना उत्तर प्रदेश पुलिस को भी दे दी गई है।
*🚨 BIG BUST BY ARSC, CRIME BRANCH DELHI 🚨
— Crime Branch Delhi Police (@CrimeBranchDP) September 16, 2025
👏 ARSC Crime Branch successfully cracks ₹14 LAKH dacoity case of Anand Vihar, Delhi
🔹 3 gangsters nabbed
🔹 2️⃣ desi katta, 1️⃣ Beretta pistol & 17 live cartridges seized 🔫
🔹 Alto car 🚗 used in crime recovered
💪 Successful… pic.twitter.com/ApXLbOW84B
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