गेस्ट हाउस नहीं, छोटे कमरे में रहना है : मोदी से फडणवीस की पहली भेंट का दिलचस्प किस्सा
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन से पहले एक यादगार किस्सा साझा किया है। फडणवीस ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात मोदी जी से नागपुर में हुई थी, जिसका उन पर गहरा प्रभाव पड़ा।

फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर माय मोदी स्टोरी के तहत एक वीडियो पोस्ट करते हुए अपनी पहली मुलाकात का वर्णन किया। यह मुलाकात कई साल पहले नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी।

फडणवीस ने वीडियो में कहा, जब मैं पहली बार पीएम मोदी से नागपुर में मिला, तो मुझे यह अंदाजा नहीं था कि यह मुलाकात मुझ पर इतनी गहरी छाप छोड़ेगी। उस समय मैं एक युवा मेयर था और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सीखने को उत्सुक था।

उन्होंने बताया कि यह मुलाकात नागपुर के रेशीमबाग में आयोजित अभ्यास वर्ग में हुई थी, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए जाना जाता है। उस समय फडणवीस भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम), नागपुर के अध्यक्ष थे और इस आयोजन की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी।

फडणवीस ने बताया, हमने हर अतिथि के लिए व्यवस्था की थी। गणमान्य व्यक्तियों के लिए रेस्ट हाउस तैयार किए गए थे। उन्होंने आगे कहा, जब पीएम मोदी आए, तो उन्होंने सबसे पहले डॉ. हेडगेवार के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जब मैंने उनसे पूछा कि वे कहां ठहरना चाहेंगे, तो मेरा अनुमान था कि वे गेस्ट हाउस चुनेंगे। लेकिन उन्होंने सरलता से कहा कि वे रेशीमबाग में संघ कार्यकर्ताओं के लिए बने छोटे से कमरे में रहना चाहते हैं।

इस सादगी ने फडणवीस को प्रभावित किया। उन्होंने कहा, उनकी इस पसंद से मैं प्रभावित हुआ। यह उनकी विनम्रता और संघ की परंपरा के साथ उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। पूरे आयोजन के दौरान उन्होंने हर छोटी-बड़ी बात पर ध्यान दिया और सभी प्रतिभागियों की सुविधा का ख्याल रखा।

फडणवीस ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, उस पहली मुलाकात ने उनके प्रति मेरी धारणा को आकार दिया। मैंने एक ऐसे नेता को देखा, जो विलासिता के बजाय सादगी और पद के बजाय सेवा को महत्व देते हैं। नरेंद्र मोदी की यह छवि मेरे साथ हमेशा रही।

भाजपा 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी का 75वां जन्मदिन मनाने की तैयारियों में जुटी है। पार्टी सेवा पखवाड़ा शुरू करेगी, जो पूरे देश में कल्याण और जनसंपर्क पहलों का पखवाड़ा होगा। यह पीएम मोदी की सेवा और जनकल्याण के प्रति आजीवन प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। उन्होंने 17 साल की उम्र में सेवा का सफर शुरू किया और बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रभावित पीएम मोदी का जीवन अनुशासन, आध्यात्मिकता और राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण से परिपूर्ण रहा है।

वे 1985 में भाजपा में शामिल हुए। 2001 से 2014 तक गुजरात के चार बार मुख्यमंत्री रहे और 2014 में भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने। वर्तमान में वे अपने तीसरे कार्यकाल में हैं।

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