हरियाणवी फिल्म निर्माता-निर्देशक और कलाकार उत्तर कुमार को दुष्कर्म के आरोप में पुलिस ने अमरोहा स्थित उनके फार्म हाउस से हिरासत में लिया। ट्रांस हिंडन पुलिस ने 14 सितंबर की देर रात यह कार्रवाई की।
गाजियाबाद लाते समय उत्तर कुमार की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब कुमार के परिवार और साथियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस हिरासत के दौरान उन्हें जहर दिया गया।
इस आरोप के बाद उत्तर कुमार के समर्थकों में आक्रोश है। उनके ऑफिशियल फेसबुक पेज से लोगों से चलो गाजियाबाद पुलिस मुख्यालय कलेक्ट्रेट आने का आह्वान किया गया है, ताकि उत्तर कुमार को न्याय दिलाया जा सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा सके।
इस बीच, गाजियाबाद पुलिस ने इन आरोपों पर सफाई दी है। सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम, अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो भ्रामक हैं।
श्रीवास्तव ने बताया कि थाना शालीमार गार्डन में दर्ज एक मामले के सिलसिले में उत्तर कुमार को हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लेने के बाद, उन्होंने तबीयत खराब होने की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने जांच की और उनकी हालत स्थिर बताई गई है।
पुलिस ने यह भी कहा कि मामले में आगे की विवेचना उपचार के पश्चात की जाएगी।
उत्तर कुमार के खिलाफ शालीमार गार्डन थाने में दुष्कर्म का मामला गौतमबुद्ध नगर की एक युवती ने दर्ज कराया है।
पीड़िता का आरोप है कि अगस्त 2020 में उत्तर कुमार से मिलने के बाद उन्होंने एक साथ एक फिल्म के गाने में काम किया था। इसके बाद, उत्तर कुमार ने उसे हरियाणवी फिल्मों में मुख्य भूमिका दिलाने और इंडस्ट्री में तरक्की दिलाने का झांसा दिया।
पीड़िता के अनुसार, उत्तर कुमार ने उसे कभी शालीमार गार्डन स्थित अपने कार्यालय तो कभी अमरोहा स्थित अपने फार्म हाउस पर बुलाया, जहां उनसे अश्लील हरकतें कीं और शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि नवंबर 2023 में उत्तर कुमार ने उसे और उसकी बहन को मानहानि का दावा ठोकने की धमकी देते हुए जातिसूचक अपशब्द कहे।
शिकायत के बाद जान से मारने की धमकी मिलने की भी बात पीड़िता ने कही है। उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामले में मुकदमा दर्ज किया गया।
शुरुआती जांच के बाद एसीपी शालीमार गार्डन अतुल कुमार सिंह ने मामले में एफआर (अंतिम रिपोर्ट) लगाने की प्रक्रिया की थी, लेकिन डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने आपत्ति जताते हुए उसे वापस कर दिया और जांच एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव को सौंप दी।
पीड़िता ने पहले हुई जांच में साक्ष्यों की कमी के चलते एफआर की प्रक्रिया पर असंतोष जताया था और जांच स्थानांतरित करने की मांग की थी। इसके बाद डीसीपी के निर्देश पर एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव को जांच सौंपी गई।
*सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त कतिपय भ्रामक वीडियोस जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि एक व्यक्ति द्वारा पुलिस कस्टडी में जहर खा लिया गया है के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि दिनांक 15.09.2025 को थाना शालीमार गार्डन पुलिस द्वारा थाना शालीमार गार्डन पर पंजीकृत एक अभियोग के सम्बन्ध में… pic.twitter.com/QMxrjyFsZl
— DCP TRANS HINDON COMMISSIONERATE GHAZIABAD (@DCPTHindonGZB) September 15, 2025
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