हिंदी दिवस: भाषा विवाद खत्म करने की कोशिश! सरकार अब आपकी भाषा में देगी जवाब, शाह का ऐलान
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारतीय भाषाओं की एकीकृत भूमिका को राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने प्रौद्योगिकी, शासन और वैश्विक जुड़ाव में भी इन भाषाओं के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला।

अमित शाह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं केवल संचार का माध्यम न रहें, बल्कि प्रौद्योगिकी, विज्ञान, न्याय, शिक्षा और प्रशासन की आधारशिला बनें।

गृह मंत्री ने कहा कि, डिजिटल इंडिया, ई-गवर्नेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के इस युग में सरकार भारतीय भाषाओं को भविष्य में सक्षम, प्रासंगिक और भारत को वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाने के लिए एक प्रेरक शक्ति के रूप में विकसित कर रही है।

शाह ने भारत को एक भाषा-प्रधान राष्ट्र बताते हुए कहा कि देशी भाषाएं संस्कृति, इतिहास, परंपराओं, ज्ञान, विज्ञान, दर्शन और अध्यात्म को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम रही हैं।

अमित शाह ने कहा कि हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर दक्षिण के विशाल समुद्र तटों तक, रेगिस्तान से लेकर बीहड़ जंगलों और गांव की चौपालों तक, भाषाओं ने हर परिस्थिति में मनुष्य को संगठित रहने और संचार एवं अभिव्यक्ति के माध्यम से एकजुट होकर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है।

उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाएं हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में प्रतिरोध की आवाज बनीं। स्वतंत्रता सेनानियों ने अंचलों और गांवों की भाषाओं को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा। हिंदी के साथ-साथ सभी भारतीय भाषाओं के कवियों, साहित्यकारों और नाटककारों ने लोक भाषाओं, लोककथाओं, लोकगीतों और लोकनाट्यों के माध्यम से हर आयु, वर्ग और समुदाय में स्वतंत्रता के संकल्प को मजबूत किया। वंदे मातरम और जय हिंद जैसे नारे हमारी भाषाई चेतना से उभरे और स्वतंत्र भारत के गौरव के प्रतीक बन गए।

गृह मंत्री ने हिंदी को संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने में संविधान निर्माताओं द्वारा निभाई गई भूमिका को भी याद किया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने भाषाओं की क्षमता और महत्व पर व्यापक विचार-विमर्श किया और 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया। संविधान का अनुच्छेद 351 हिंदी को भारत की सामासिक संस्कृति का प्रभावी माध्यम बनाने के लिए इसके प्रचार-प्रसार का दायित्व सौंपता है।

अमित शाह ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2014 से सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दिया है।

अमित शाह ने यह भी घोषणा की कि 2024 में हिंदी दिवस पर सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं के बीच निर्बाध अनुवाद सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना की गई है।

गांधीनगर में 5वें राजभाषा सम्मेलन में अमित शाह ने सारथी नामक एक अनुवाद ऐप का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह ऐप हिंदी से भारत की अन्य भाषाओं में आसान अनुवाद करता है।

उन्होंने देश की सभी सरकारों और मुख्यमंत्रियों से कहा, मुझे अपनी भाषा में लिखें; केंद्रीय गृह मंत्रालय आपको आपकी भाषा में जवाब देगा, हमारे पास ये व्यवस्था है। चाहे पत्र तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली, पंजाबी या मराठी में हो, सारथी उसका अनुवाद करने का काम करता है। यह मेरे हिंदी में दिए गए जवाब का उनकी भाषा में अनुवाद करेगा। आने वाले दिनों में इस सॉफ़्टवेयर के प्रशिक्षण के बाद, हम इसे और बेहतर बनाते रहेंगे।

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