मदीना में धमाका: मुस्लिम जगत में युद्ध की आशंका?
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मदीना में हुए एक धमाके ने मुस्लिम जगत में महायुद्ध की आशंका पैदा कर दी है। ये धमाका 11 सितंबर को सुबह 5:43 बजे, फजर की नमाज के वक्त हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आसमान में एक मिसाइल को इंटरसेप्ट करते हुए दिखाया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्होंने मस्जिद के अंदर से जोरदार धमाके की आवाज सुनी और बाहर जलते हुए मलबे को गिरते हुए देखा। लोगों में खौफ है कि अगर मिसाइल फट जाती तो क्या होता।

सऊदी अरब की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इनसाइड द हारमैन नामक एक एक्स हैंडल ने धमाके की पुष्टि की है।

इस हमले के पीछे हूती विद्रोहियों का हाथ बताया जा रहा है। ये आशंका जताई जा रही है कि ये धमाका इजरायल के खिलाफ एकजुट हो रहे इस्लामिक देशों की एकता को खत्म कर सकता है और शिया-सुन्नी देशों के बीच खाई को और गहरा कर सकता है।

हूती विद्रोही, यमन के एक शिया मुस्लिम समूह हैं, जिन्होंने 2014 में यमन की राजधानी साना पर कब्जा कर लिया था। सऊदी अरब, जो एक सुन्नी मुस्लिम देश है, हूती विद्रोह को ईरान के समर्थन के कारण गंभीर सुरक्षा खतरा मानता है।

धमाके से चार दिन पहले, सऊदी अरब ने यमन के बॉर्डर पर मौजूद शहरों रज़िह और घम्र पर हमले किए थे, जिनमें हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया था।

ऐसे में मदीना में धमाके को हूती विद्रोहियों की जवाबी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है।

अगर हूती ने ये हमला किया है तो इससे इजरायल के खिलाफ मुस्लिम मुल्कों की एकता खतरे में पड़ सकती है। इजरायल ने कुछ दिनों पहले ही हूती की पूरी कैबिनेट को खत्म कर दिया था।

अगर ईरान समर्थित शिया हूती विद्रोहियों ने पवित्र मदीना मस्जिद पर हमला किया है तो वो सुन्नी मुस्लिम देशों के सबसे बड़े दुश्मन बन जाएंगे।

यह भी चर्चा है कि यमन से निकली मिसाइल का निशाना कौन था। क्या ये मिसाइल यमन से हूती विद्रोहियों ने पवित्र मदीना शहर में लॉन्च की थी या फिर ये सऊदी अरब के आसमान से इजरायल की तरफ जा रही थी?

सऊदी अरब ने मक्का और मदीना की सुरक्षा के लिए पैट्रिएट मिसाइलें और थाड एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया है, जो 200 किलोमीटर दूर से आने वाले खतरे को इंटरसेप्ट कर सकता है।

हूती विद्रोही ईरान की मदद से बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के अलावा ड्रोन से सऊदी अरब के दक्षिणी इलाकों में हमला करते रहे हैं।

वर्ष 2015 से अब तक हूती ने सऊदी पर 4000 से ज्यादा हमले किए, लेकिन सऊदी अरब ने इनमें से 90 प्रतिशत मिसाइल और ड्रोन हमलों को इंटरसेप्ट कर लिया।

जहां तक बात मदीना पर हमले की है, तो अब तक कोई भी मिसाइल मदीना को हिट नहीं कर पाई है।

मदीना पर हमला सुन्नी मुस्लिम जगत के लिए असहनीय होगा और इसे पूरी इस्लामी उम्माह की आत्मा पर चोट माना जाएगा।

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