पोलैंड ने दावा किया है कि दर्जनों रूसी ड्रोन, नाटो सहयोगियों की मदद से मार गिराए गए, उसके हवाई क्षेत्र में कई घंटों तक प्रवेश करते रहे। पोलैंड ने इसे देश पर हमला बताया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया है।
सात घंटों में 19 बार उल्लंघन हुआ, एक घर क्षतिग्रस्त हुआ। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने वारसॉ में एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें सैन्य और आपातकालीन सेवाओं के अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने संसद को बताया कि सात घंटों के दरम्यान हवाई क्षेत्र में 19 बार घुसपैठ दर्ज की गई। आठ क्रैश साइट भी मिली हैं, जबकि लुब्लिन क्षेत्र के एक गांव में एक घर को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। पोलिश सेना ने सोशल मीडिया पर लिखा, यह एक आक्रामक कृत्य है जिससे हमारे नागरिकों की सुरक्षा को खतरा हुआ। कई घंटों तक हवाई क्षेत्र को बंद रखा गया, जिससे वारसॉ का चोपिन हवाई अड्डा भी प्रभावित हुआ।
क्रेमलिन ने घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन बेलारूस ने दावा किया है कि उसके रडार ने कुछ भटके हुए ड्रोन पकड़े, जो जैमिंग के कारण रास्ता भटक गए थे। बेलारूसी सेना ने कहा कि उन्होंने पोलैंड और लिथुआनिया को इस बारे में पहले ही चेतावनी दे दी थी। हालांकि, यूरोपीय नेताओं का मानना है कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि रूस का जानबूझकर किया गया आक्रामक कदम था।
नाटो ने इसे पहली बार का मामला बताया जब गठबंधन को अपने सहयोगी के हवाई क्षेत्र में प्रत्यक्ष खतरे का सामना करना पड़ा। नाटो प्रवक्ता कर्नल मार्टिन ओ डोनेल ने पुष्टि की कि डच एफ-35 फाइटर जेट्स ने पोलैंड की मदद की और कुछ ड्रोन को इंटरसेप्ट किया। जर्मनी का पैट्रियट डिफेंस सिस्टम और इटली के पेट्रोलिंग जेट्स भी अलर्ट पर रखे गए।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने रूस से इस लापरवाही को रोकने की अपील की, जबकि चेक प्रधानमंत्री ने इसे नाटो की क्षमताओं की परीक्षा बताया। यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कलास ने कहा कि रूस का युद्ध खत्म नहीं हो रहा, बल्कि और बढ़ रहा है।
लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया ने गहरी चिंता जताई और कहा कि यह पूरे यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इसे यूरोप के लिए खतरनाक मिसाल बताया और कहा कि रूस लगातार सीमाओं का परीक्षण करता है। उन्होंने कहा, यह कोई आकस्मिक घटना नहीं थी। कम से कम आठ हमलावर ड्रोन पोलैंड की दिशा में जानबूझकर भेजे गए।
यूक्रेन की वायुसेना ने बताया कि रूस ने रातभर में 415 स्ट्राइक और डमी ड्रोन, 42 क्रूज मिसाइल और एक बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। इनमें से 386 ड्रोन और 27 मिसाइलों को यूक्रेन ने इंटरसेप्ट कर लिया, लेकिन खमेलनित्स्की और विनित्सिया क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ। घर, फैक्ट्रियां और गैस स्टेशन तबाह हुए और कई लोग घायल हुए।
यह पहली बार नहीं है जब पोलैंड का हवाई क्षेत्र रूसी हमलों की चपेट में आया हो। 2022 में एक मिसाइल पोलैंड में गिरी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी। इसी साल मार्च और अगस्त में भी रूस के हथियार पोलैंड में घुस आए थे।
ड्रोन के जरिए पोलैंड में हमले की यह घटना न केवल पोलैंड, बल्कि पूरे यूरोप और नाटो के लिए गंभीर चेतावनी है। यह स्पष्ट हो गया है कि रूस की रणनीति अब केवल यूक्रेन तक सीमित नहीं है, बल्कि वह यूरोप के अन्य हिस्सों की सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देने पर भी उतारू है।
Multiple Shahed drones have entered polish airspace.
— Sytheruk 🇬🇧 🇺🇦 (@SythUK) September 9, 2025
Poland has been scrambling jets.
Netherlands has sent up a refuling plane and possible other jets in tow.
Italian AWACS also near Estonia and now heading south to Poland
Video from Lublin 🇵🇱
Pic 👇 Russian drones pic.twitter.com/ufsDJeAIOO
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