चलती क्लास में बंदर का आतंक, बच्चों के फाड़े बैग, टिफिन पर बोला धावा!
News Image

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कई ज़िलों में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।

लखनऊ के निगोहां-नगराम मार्ग पर स्थित ब्राइट स्टार्ट कान्वेंट स्कूल में मंगलवार सुबह एक बंदर कक्षा दो के बच्चों की क्लास में घुस गया।

बंदर को देखकर डरे-सहमे बच्चे रोते हुए क्लास के एक कोने में जाकर खड़े हो गए। एक बच्चा घबराकर बेंच पर घुटने के बल बैठ गया।

बंदर ने टेबल पर रखी कुछ किताबें इधर-उधर फेंकी। फिर एक बैग को फाड़ा और उसमें रखा टिफिन लेकर भाग गया। इसके बाद बच्चों ने राहत की सांस ली।

स्कूल परिसर में बंदरों का झुंड उत्पात मचा रहा था। सूचना मिलने पर स्कूल पहुंचे अभिभावकों की शिकायत पर वन विभाग की टीम ने बंदरों को स्कूल परिसर से भगाया।

इस स्कूल में लगभग 250 बच्चे पढ़ते हैं। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बंदरों का झुंड स्कूल परिसर में आ पहुंचा। कुछ देर में एक बंदर कक्षा दो में पढ़ रहे बच्चों की क्लास में घुसकर टेबल पर बैठ गया।

डर के मारे बच्चे चिल्लाए और एक कोने में जाकर खड़े हो गए और मदद के लिए चिल्लाने लगे। एक बच्चा भाग नहीं पाया और बेंच पर ही बैठ गया।

बंदर लगभग दो मिनट तक मेज पर रखी किताबें फेंकता रहा। फिर एक बैग को फाड़कर टिफिन उठाकर बाहर चला गया।

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में एक महीने से बंदरों का आतंक बहुत बढ़ गया है। आए दिन ये बंदर कक्षाओं में आकर उत्पात मचाते हैं। कॉपी-किताबें और बैग फाड़ देते हैं। बच्चों के टिफिन उठा ले जाते हैं, तोड़कर खाना खा जाते हैं और बच्चों को दौड़ाते हैं।

बंदरों के डर से कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। अभिभावकों का कहना है कि अगर बंदरों को नहीं पकड़ा गया तो वे बच्चों को काट भी सकते हैं। बंदरों की वजह से स्कूल में बच्चे सुरक्षित नहीं हैं।

अभिभावकों ने बताया कि स्कूल प्रशासन को कई बार शिकायत की गई, लेकिन हर बार यही कहा जाता है कि वन विभाग को सूचना दी गई है, लेकिन बंदरों को पकड़ने के लिए कोई टीम नहीं आती है।

स्कूल इंचार्ज अनुजा ने बताया कि एक महीने से बंदरों का आतंक बहुत बढ़ गया है। अभिभावकों ने मांग की है कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए बंदरों से निपटने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए जाएं।

डिप्टी रेंजर अभिषेक चौधरी ने बताया कि टीम मौके पर गई थी। बंदरों को स्कूल से खदेड़ा गया है। उन्होंने कहा कि ये बंदर उस प्रजाति के हैं जिन्हें वन विभाग द्वारा पकड़ने की अनुमति नहीं है। ऐसे मामलों में जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और नगर पंचायत की होती है।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

शाबाश बेटा! भूख लगी तो गली में बैठ खाया लंच, वायरल हुआ क्यूट वीडियो

Story 1

जन्मदिन की खुशी मातम में बदली: बागपत में मां ने तीन बेटियों को मार खुद को फांसी लगाई

Story 1

फ्रांस में हिंसा: क्या अस्थिर सरकारें हैं असंतोष की जड़?

Story 1

जगदीप धनखड़ ने दी उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन को बधाई, पद छोड़ने के बाद पहली प्रतिक्रिया

Story 1

वोट चोर, गद्दी छोड़ : उपराष्ट्रपति चुनावों के बाद राहुल गांधी का हमला, रायबरेली में विरोध

Story 1

ट्रेंडिंग रील बनाने के चक्कर में लड़की के साथ हुआ हास्यास्पद हादसा, वीडियो वायरल

Story 1

इधर मत देखो... टॉस के दौरान सूर्यकुमार यादव का यूएई कप्तान को मजेदार इशारा!

Story 1

अक्षय कुमार की कनपुरिया अंदाज़ में गुटखे पर भौकाली सलाह, वायरल हुआ वीडियो

Story 1

नेपाल में जन आक्रोश: पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को जिंदा जलाया, सरकारी इमारतें आग के हवाले!

Story 1

फैक्ट चेक: क्या यूपी पुलिस के कहने पर अपराधी लंगड़ाने लगा? वीडियो गुजरात का निकला