दोस्तों के जाल में फंसे अजित पवार? भतीजे रोहित पवार ने चाचा को किया आगाह
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार एक वीडियो के कारण मुश्किलों में घिर गए हैं, जहां उन्हें कथित तौर पर आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा को धमकाते हुए दिखाया गया है। विपक्षी पार्टियां इस वायरल वीडियो के बाद अजित पवार पर चोरों को संरक्षण देने का आरोप लगा रही हैं।

वहीं, शरद पवार की एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार अपने चाचा अजित पवार के बचाव में उतरे हैं। रोहित पवार ने दावा किया है कि अजित पवार के गठबंधन सहयोगियों ने सोलापुर जिले में मुरम मिट्टी (सड़क निर्माण में प्रयुक्त) के अवैध उत्खनन पर हुई बातचीत को जानबूझकर अलग मोड़ देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, अजित दादा को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उनके दोस्त किस तरह जाल बिछा रहे हैं।

रोहित पवार के अनुसार, राज्य में कृषि ऋण माफी और बारिश से हुए नुकसान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन इसके बजाय, करमाला (सोलापुर जिला) में महिला पुलिस अधिकारी और अजित पवार के बीच हुई बातचीत पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

रोहित पवार ने अजित पवार की स्पष्टवादिता की तारीफ करते हुए कहा कि उनके चाचा अपनी सीधी बात कहने के लिए जाने जाते हैं। रोहित पवार ने समझाया, वास्तव में, अगर अजित दादा सामान्य रूप से भी बोलते हैं, तो उनसे मिलने वाला कोई भी नया व्यक्ति उन्हें नाराज़ या परेशान महसूस कर सकता है। लेकिन अजित दादा की कार्यशैली, स्वभाव और स्पष्टवादिता पिछले 35-40 वर्षों से पूरे महाराष्ट्र में जानी जाती है।

रोहित पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि करमाला की घटना में महिला अधिकारी की कोई गलती नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मित्र दलों द्वारा ही अजित दादा की फोन कॉल में हुई बातचीत को जानबूझकर अलग रूप देने और उन्हें निशाना बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

रोहित पवार ने आगे कहा, मेरा स्वभाव हमेशा सच को सच कहने का रहा है, और इसलिए अजित दादा को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे उनके अपने दोस्तों द्वारा जाल बिछाया जा रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे अनावश्यक विवादों को हवा दिए बिना वास्तविक मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते रहेंगे।

यह विवाद गुरुवार को एक वायरल वीडियो के सामने आने के बाद शुरू हुआ। इसमें अजित पवार को आईपीएस अधिकारी को फोन पर तब फटकार लगाते हुए सुना गया, जब वह सोलापुर जिले में मुरम मिट्टी के अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही थीं।

अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी, बीजेपी और शिवसेना की सहयोगी है और तीनों दल सत्तारूढ़ महायुति का हिस्सा हैं। वहीं शरद पवार की एनसीपी (एसपी), उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), और कांग्रेस महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल हैं। शरद पवार गुट के रोहित पवार जहां इस मामले में चाचा की पैरवी कर रहे हैं, वहीं शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत लगातार अजित पवार पर इस मुद्दे को लेकर हमले कर रहे हैं। राउत ने अजित पवार पर चोरों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

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