पैसे लेकर फिल्मों की समीक्षा करने के चलन पर फिल्म जगत में चिंता बढ़ रही है. इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए) और फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) ने इस मामले में अपनी चिंता व्यक्त की है.
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन निर्माता परिषद (आईएफटीपीसी) ने पेड रिव्यू के माध्यम से जबरन वसूली करने वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है.
कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों पर आरोप है कि वे पैसे लेकर रिव्यू करते हैं और नेगेटिव रिव्यू के जरिए निर्माताओं से जबरन वसूली करते हैं.
आईएफटीपीसी ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया है, जिसमें उसने कहा है कि कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर फिल्मों की सफलता और व्यावसायिक व्यवहार्यता को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने के लिए टारगेट कैंपेन शुरू करने की धमकी देते हैं.
आईएफटीपीसी ने कहा कि वह सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों द्वारा की जाने वाली जबरन वसूली से निर्माताओं की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई करेगी.
आईएफटीपीसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर कर बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर फिल्मों, सीरीज और अन्य ऑडियो-विजुअल कंटेंट की दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक समीक्षा जारी करने की धमकी देकर निर्माताओं से पेमेंट की मांग करते हैं.
बयान में यह भी कहा गया है कि यदि इनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो ये इन्फ्लुएंसर किसी प्रोजेक्ट की स्वीकार्यता और व्यवसाय को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने के लिए टारगेट कैंपेन शुरू करने की धमकी देते हैं.
आईएमपीपीए के अध्यक्ष अभय सिन्हा ने कहा कि किसी को भी न्यूज कवरेज के लिए भुगतान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह गलत है और इसे रोका जाना चाहिए. फिल्म निर्माता फिल्म बनाने में बहुत मेहनत करते हैं और इस तरह के ट्रेंड उनकी कड़ी मेहनत को कमजोर करते हैं.
आईएमपीपीए की वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुषमा शिरोमणी ने चिंता जताते हुए कहा कि क्या इन्फ्लुएंसर समझते भी हैं कि फिल्में क्या होती हैं या किस तरह की फिल्में बननी चाहिए? उन्होंने कहा कि उन्हें फिल्म निर्माण के बारे में कुछ भी नहीं पता. कई निर्माता इसलिए डर जाते हैं, क्योंकि यह एक बड़ा व्यवसाय है और वे नुकसान से बचना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर वे भुगतान नहीं करते, तो उनके बारे में नकारात्मक बातें लिखी जाती हैं, जिससे उनका प्रचार होता है और शायद इसीलिए कुछ लोग भुगतान करना चुनते हैं.
IFTPC Seeking Legal Opinion to Protect Producers Against Extortion by Social Media Influencers. #IFTPC #SajidNadiadwala @JDMajethia @rtnjn @NitinPVaidya @RameshTaurani @nrpachisia @tsunami_singh #SureshAmin pic.twitter.com/NygqdkWvc8
— INDIAN FILM TV PRODUCERS COUNCIL (@IftpcM) September 1, 2025
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