भरतपुर से बीजेपी विधायक नौक्षम चौधरी का एक बयान विवाद का केंद्र बन गया है। इस बयान में वे दावा कर रही हैं कि भरतपुर संभाग के बीजेपी विधायकों ने मिलकर कांग्रेस द्वारा नियुक्त प्रधानों को हटाकर उनकी जगह बीजेपी नेताओं को बैठा दिया है।
इस मामले पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा है कि वे विधायक से स्पष्टीकरण मांगेंगे। कांग्रेस ने तुरंत इस मुद्दे को लपका है और बीजेपी पर विपक्ष की सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगाया है।
विधायक नोक्षम चौधरी का कहना है कि भरतपुर के सभी बीजेपी विधायकों ने मिलकर कांग्रेस सरकार में लगाए प्रधानों को हटा दिया है। उन्होंने मंच से खुले तौर पर कहा कि अगर कहीं कांग्रेस का कोई प्रधान है, तो उसकी जगह बीजेपी के प्रधान को कुर्सी पर बैठा दिया जाएगा।
कौन हैं नौक्षम चौधरी? नौक्षम चौधरी भरतपुर जिले के कामां से बीजेपी विधायक हैं। उनकी मां हरियाणा कैडर की अफसर हैं और पिता रिटायर जज हैं। नौक्षम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से पढ़ाई की है।
विवाद तब और बढ़ गया जब नौक्षम चौधरी ने अपनी ही पार्टी के मंत्री पर निशाना साधा। सोशल मीडिया पर उनका बयान तेजी से वायरल हो रहा है।
उनके बयान के अनुसार, बीजेपी विधायकों ने भरतपुर संभाग में कांग्रेस के प्रधानों को हटाकर अपने प्रधानों को बैठा दिया है। उन्होंने यह तक कहा कि गुर्जर समाज से किसी प्रधान को चुना जाए, तो वे उसे शान से बैठा देंगे।
प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि वे लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ते हैं और किसी प्रधान को गलत तरीके से नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने मंत्री जी से बात की है और विधायक से जवाब मांगा जाएगा।
हाल ही में जयपुर में हुई बीजेपी की संवाद समन्वय बैठक में भी नौक्षम चौधरी ने आक्रामक तेवर दिखाए थे। बैठक का उद्देश्य लोकसभा चुनाव और बजट घोषणाओं पर सही से अमल करना था। इसी बैठक में कामां प्रधान चुनाव को लेकर मंत्री जवाहर सिंह बेढम और विधायक नौक्षम चौधरी आपस में भिड़ गए।
मंत्री जवाहर सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ बोलना सरकार के खिलाफ बोलना है, जिसपर नौक्षम चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि वह भी सरकार का हिस्सा हैं और सवाल उठाना उनका हक है। बहस को बढ़ता देख वरिष्ठ नेता सीपी जोशी को बीच-बचाव करना पड़ा।
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बीजेपी विपक्षी प्रधानों को हटाकर सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी में युवा चेहरों की महत्वाकांक्षाएं और वरिष्ठ नेताओं का दबदबा है। आने वाले दिनों में यह टकराव पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। समन्वय बैठक का मकसद भले ही संगठन और सत्ता में तालमेल दिखाना था, लेकिन बाहर निकला सिर्फ विवाद है। अब देखना है कि बीजेपी इस अंदरूनी आग को कैसे बुझाती है।
*राजस्थान बीजेपी की विधायक मोक्षम चौधरी ने कामां और पहाड़ी प्रधान पद बीजेपी के मुखिया बनने पर अपनी ही पार्टी के मंत्री पर निशाना साधा @news24tvchannel @Nauksham_C pic.twitter.com/EEzTOo4N4o
— Deepti Sharma (@DeeptiShar24006) August 27, 2025
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