टैरिफ की चेतावनी: ट्रंप का दावा, कल कॉल करो, वरना सिर चकरा जाएगा!
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उनकी पहल से भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध टल गया था। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तनाव चरम पर था, तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर हालात शांत कराए।

व्हाइट हाउस में एक कैबिनेट बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत को चेतावनी दी थी कि जब तक पाकिस्तान के साथ विवाद शांत नहीं होता, तब तक कोई ट्रेड डील नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भारत पर इतने ऊंचे टैरिफ लगाए जाएंगे कि सिर चकरा जाएगा।

ट्रंप के अनुसार, उनकी चेतावनी के केवल पांच घंटे बाद ही दोनों देशों के बीच तनाव कम होना शुरू हो गया। यह मामला खत्म हो गया। अब यह दोबारा शुरू हो सकता है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो मैं इसे फिर रोक दूंगा, उन्होंने कहा।

ट्रंप ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर सीधी चेतावनी दी थी। मैं मोदी से बात कर रहा था। मैंने पूछा कि पाकिस्तान के साथ क्या हो रहा है। वहां नफरत बहुत ज्यादा थी और यह दशकों से चलता आ रहा है। मैंने मोदी से कहा कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो मैं तुम्हारे साथ कोई ट्रेड डील नहीं करूंगा।

ट्रंप ने मोदी को साफ़ शब्दों में कहा था, मुझे कल फिर कॉल करना, वरना हम तुम्हारे ऊपर इतने ऊंचे टैरिफ लगा देंगे कि तुम्हारा सिर चकरा जाएगा।

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत-पाकिस्तान के टकराव में कई लड़ाकू विमान गिराए गए थे, जिनकी कीमत 150 मिलियन डॉलर थी। उन्होंने कहा, बहुत सारे - शायद सात, या इससे भी ज्यादा। असली संख्या कभी नहीं बताई गई। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई सबूत या आधिकारिक रिपोर्ट पेश नहीं की।

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान तनाव की तुलना रूस-यूक्रेन युद्ध से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह रूस और यूक्रेन ने दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेला, उसी तरह भारत और पाकिस्तान भी परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहे थे। उनका कहना था कि अगर उन्होंने समय पर हस्तक्षेप न किया होता, तो हालात कहीं ज्यादा बिगड़ सकते थे।

भारत पहले भी कई बार ट्रंप के दावों को खारिज कर चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि युद्धविराम भारत की अपनी सामरिक रणनीति का हिस्सा था, इसमें किसी बाहरी दबाव की भूमिका नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि भारत किसी तीसरे पक्ष के दखल को कभी स्वीकार नहीं करता। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्रंप के सभी दावों को पूरी तरह से नकार दिया था।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान अमेरिकी राजनीति और चुनावी रणनीति से जुड़ा हो सकता है। वे खुद को एक ऐसे नेता के रूप में पेश करना चाहते हैं जो वैश्विक संघर्षों को रोकने की ताकत रखते हैं।

ट्रंप का दावा चाहे जितना सनसनीखेज हो, भारत की आधिकारिक स्थिति साफ है कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप की कोई जगह नहीं है।

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