ट्रंप का 50% टैरिफ: गारमेंट्स से डायमंड तक, क्या-क्या होगा महंगा?
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50% अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो जाएंगे. रूस से तेल खरीदने के कारण अमेरिका का यह कदम भारत के कई उद्योगों को प्रभावित करेगा.

सबसे अधिक असर गारमेंट्स सेक्टर पर पड़ेगा. भारत से अमेरिका को सालाना 83 हजार करोड़ रुपये का गारमेंट्स निर्यात होता है. पहले 13.9% टैक्स था, जो अब 63.9% हो जाएगा. इससे निर्यात में 50-70% की गिरावट आ सकती है, यानी 40-60 हजार करोड़ का नुकसान. भारतीय टीशर्ट, जिसकी लागत टैक्स के साथ 1000 रुपये थी, अब 1500 रुपये की होगी. चीन से वही टीशर्ट 1300 रुपये, बांग्लादेश से 1200 रुपये और वियतनाम से 1145 रुपये में मिलेगी.

भारत के कुल गारमेंट्स निर्यात का 34% अमेरिका को जाता है. तमिलनाडु के तिरुप्पुर, रेडी-टू-वियर हब, में टारगेट, वॉलमार्ट, गैप और ज़ारा के ऑर्डर रुक गए हैं, जिससे फैक्ट्रियों में मशीनें बंद हैं और नए वर्कर्स को बेंच पर बैठा दिया गया है. आने वाले महीनों में हजारों नौकरियों पर संकट आ सकता है.

ज्वैलरी इंडस्ट्री भी प्रभावित होगी. भारत से 10 बिलियन डॉलर (83 हजार करोड़) का निर्यात अमेरिका को होता है. 2.1% टैक्स बढ़कर 52.1% हो जाएगा, जिससे निर्यात 50% तक कम हो सकता है, यानी 50-60 हजार करोड़ का नुकसान. सूरत और मुंबई के हीरे और ज्वेलरी सेक्टर पर असर पड़ेगा. भारत दुनिया के 90% हीरे पॉलिश करता है और 50 लाख लोगों की रोज़ी-रोटी इससे जुड़ी है.

3-4% मार्जिन पर काम करने वाले कारोबारी टिक नहीं पाएंगे. लैब में बनाए जाने वाले डायमंड की मांग पहले से ही कम थी. कई फैक्ट्रियां महीने में 15 दिन चल रही हैं. हजारों वर्कर्स को अनिश्चितकालीन छुट्टी पर भेजा गया है. उत्पादन 2,000 डायमंड से घटकर 300 पर आ गया है.

समुद्री उत्पाद, खासकर झींगा, भी प्रभावित होंगे. भारत से अमेरिका को लगभग 16 हजार करोड़ का झींगा सप्लाई होता था. अब 50% टैक्स और 10% काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगने से 60% टैक्स हो जाएगा, जिससे निर्यात में 60% की गिरावट और 8300 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. वियतनाम और थाईलैंड जैसे देश, जिन पर टैक्स सिर्फ 15% है, से झींगा सप्लाई की मांग तेज हो गई है.

भारत के कुल झींगा निर्यात का 32% अमेरिका को जाता है. डिमांड कम होने से उत्पादन 100 मिलियन से घटकर 60-70 मिलियन रह गया है. 5 लाख किसान सीधे और 25 लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे.

केमिकल्स और आर्गेनिक्स इंडस्ट्री भी प्रभावित होगी, जहां 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रोडक्ट निर्यात होता है और 20 लाख लोगों को रोजगार मिलता है. निर्यात लगभग 30-40% कम होने से 74 हजार करोड़ का नुकसान होगा.

अन्य प्रभावित उद्योगों में मशीनरी और इंजीनियरिंग (24 हजार 900 करोड़ का नुकसान), फर्नीचर (9 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान), और चमड़ा और फुटवियर (8300 करोड़ रुपये का नुकसान) शामिल हैं.

आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि अमेरिका ने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी सेवाओं, स्मार्टफोन और ऊर्जा/पेट्रोलियम उत्पादों पर टैरिफ नहीं लगाया क्योंकि अमेरिका को इनकी जरूरत है. जहां विकल्प मौजूद हैं, वहां भारत के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

भारत का अमेरिका सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है, जिसे भारत 7 लाख 23 हजार करोड़ से ज्यादा का निर्यात करता है. नए टैरिफ से 3 लाख 90 हजार करोड़ के निर्यात पर असर पड़ने वाला है. ऑर्डर कम होने से कंपनियों को अपना प्रोडक्शन घटाना पड़ेगा, जिससे छंटनी हो सकती है. कुछ जगहों पर असर दिखना शुरू हो गया है.

भारत सरकार ट्रंप टैरिफ से मुकाबले की तैयारी भी कर रही है.

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