क्यों पुजारा जैसे क्रिकेटर को नसीब नहीं हुआ फेयरवेल मैच? सोशल मीडिया पर लेना पड़ा संन्यास
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भारतीय टेस्ट क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा को लीजेंड माना जाता है. उन्होंने अपने धैर्य से टीम को हमेशा संभाला और जब भी टीम का हिस्सा रहे, अपना सौ फीसदी दिया. लेकिन इस क्रिकेट के पुजारी को विदाई मैच नसीब नहीं हुआ.

पुजारा ने रविवार 24 अगस्त को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावनात्मक पोस्ट लिखकर क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी.

उनकी इस घोषणा से लाखों प्रशंसक भावुक हैं, जो उन्हें अंतिम मैच में खेलते देखकर शानदार विदाई देना चाहते थे. पुजारा ने 22 वर्ष की उम्र में पहला मैच खेला था और 37 में अलविदा कह दिया.

हर क्रिकेटर चाहता है कि जब वह संन्यास ले, तो उसे एक फेयरवेल मैच मिले. सचिन तेंदुलकर के लिए बीसीसीआई ने जिस तरह का फेयरवेल प्लान किया था, वह एक आदर्श स्थिति है. लेकिन कम से कम टीम के लिए योगदान देने वाले बड़े क्रिकेटर्स को तो यह सम्मान मिलना चाहिए.

वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, एमएस धोनी, या युवराज सिंह, किसी को भी फेयरवेल मैच नसीब नहीं हुआ. सबने इसी तरह सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी.

| खिलाड़ी | संन्यास का माध्यम | फेयरवेल मैच मिला? | |-------------------|----------------------|--------------------| | एम एस धोनी | सोशल मीडिया (2020) | नहीं | | युवराज सिंह | सोशल मीडिया (2019) | नहीं | | सुरेश रैना | सोशल मीडिया (2020) | नहीं | | शिखर धवन | सोशल मीडिया (2024) | नहीं | | रविचंद्रन अश्विन | प्रेस कॉन्फ्रेंस (2024)| नहीं | | राहुल द्रविड़ | प्रेस कॉन्फ्रेंस (2012)| नहीं | | वीरेंद्र सहवाग | सोशल मीडिया (2013) | नहीं |

चेतेश्वर पुजारा ने अपना डेब्यू मैच 9 अक्टूबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. इस मैच में उन्होंने भारत की दूसरी इनिंग में 72 रन बनाए थे.

22 साल के पुजारा ने अपने डेब्यू मैच में ही लोगों का ध्यान खींचा और अपनी मैच्योर बल्लेबाजी से यह साबित कर दिया कि वे लंबी रेस के घोड़े हैं.

पुजारा ने अपने पेशेंस, तकनीक और जुझारू पारी से भारत को मुश्किल हालात से निकाला. टेस्ट क्रिकेट में उन्हें राहुल द्रविड़ के बाद दूसरी दीवार कहा जाता था.

2012 में इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद में खेलते हुए पुजारा ने 206 रन बनाए थे. वे इस मैच में नॉटआउट रहे थे. पुजारा की शानदार पारी की वजह से भारत ने अहमदाबाद टेस्ट में इंग्लैंड को पराजित कर दिया था.

2017 में चेतेश्वर पुजारा ने रांची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए 202 रन बनाए थे. इस मैच में भारत ऑस्ट्रेलिया से 152 रन से पिछड़ रहा था. पुजारा ने 525 गेंदें खेलकर दोहरा शतक जड़ा था.

पुजारा ने 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान शानदार खेल दिखाया था और मैन ऑफ दि सीरीज बने थे. उन्होंने एडिलेड टेस्ट में 123 रन बनाकर पहली पारी में भारत को संभाला था.

2021 में ब्रिसबेन के गाबा क्रिकेट ग्राउंड में पुजारा ने ऐतिहासिक पारी खेली थी. उन्होंने 211 गेंदें खेलकर 56 रन बनाया था और कई चोट भी झेली थी. इस ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया 32 साल से अजेय था, पुजारा की पारी ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए जीत का प्लेटफॉर्म तैयार किया था.

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