जेल से सरकार चलाने वालों पर पीएम मोदी का वार, पूछा - क्या यह जायज है?
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गयाजी में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला और जेल से सरकार चलाने के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि यह एक मास्टर स्ट्रोक है और उन्होंने इस मुद्दे पर जनमत संग्रह करने जैसा आह्वान किया.

पीएम मोदी ने कहा कि अगर कोई छोटा सरकारी कर्मचारी 50 घंटे तक हिरासत में रहता है, तो वह स्वतः ही निलंबित हो जाता है. लेकिन हैरानी की बात है कि मंत्री और मुख्यमंत्री जेल में रहकर भी सरकार चला रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह न्यायसंगत है? क्या किसी मंत्री या मुख्यमंत्री को गिरफ्तार होने पर अपनी कुर्सी नहीं छोड़ देनी चाहिए?

दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में लोकसभा में 130वां संविधान संशोधन बिल, 2025 पेश किया है. इस बिल में केंद्र और राज्य के उन मंत्रियों को हटाने का प्रावधान है, जो भ्रष्टाचार या गंभीर अपराध के मामले में कम से कम 30 दिनों के लिए हिरासत में या गिरफ्तार किए गए हैं. विपक्षी सांसदों ने इस संविधान संशोधन का कड़ा विरोध किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा है, जबकि कांग्रेस ने अपने 60-65 साल के शासन में भ्रष्टाचार की एक लंबी सूची बनाई है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भ्रष्टाचार के बारे में तो बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कोई भी कार्रवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पहले हमने देखा कि कैसे जेल से ही फाइलों पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे और सरकारी आदेश निकाले जा रहे थे. पीएम मोदी ने कहा कि अगर नेताओं का यही रवैया रहेगा, तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे जीती जाएगी? संविधान हर जन प्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद करता है, और हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते.

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी आता है. इस कानून में मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी शामिल किया गया है. जब यह कानून बन जाएगा, तो प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री, गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर उन्हें जमानत लेनी होगी. यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें 31वें दिन अपनी कुर्सी छोड़नी होगी.

उन्होंने लोगों से पूछा कि जो जेल जाए, उसे कुर्सी छोड़नी चाहिए या नहीं? क्या वह कुर्सी पर बैठा रह सकता है क्या? क्या जेल से कोई सरकार चला सकता है?

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार का तेज विकास एनडीए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि बिहार चौतरफा विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, पुरानी समस्याओं के समाधान तलाशे जा रहे हैं और नई प्रगति के रास्ते बनाए जा रहे हैं. उन्होंने लोगों को लालटेन राज के दौरान बिहार की दुर्दशा की याद दिलाई, जब यह क्षेत्र लाल आतंक से जकड़ा हुआ था और माओवादियों के कारण शाम के बाद आना-जाना मुश्किल था.

गयाजी में, पीएम मोदी ने लगभग 13,000 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया. ये परियोजनाएं बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, शहरी विकास और जल आपूर्ति जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं.

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