क्रिकेट जगत में शोक की लहर: भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों ने कहा अलविदा
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अगस्त का महीना क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक दुखद खबर लेकर आया है। विश्व क्रिकेट के दो महान खिलाड़ियों ने इस महीने में दुनिया को अलविदा कह दिया। एक भारतीय खिलाड़ी और दूसरे ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज का निधन हो गया है। इन दोनों के जाने से क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है, और प्रशंसक अपने पसंदीदा खिलाड़ियों के निधन से दुखी हैं।

भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर निकोलस सलदान्हा का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका जन्म 1942 में महाराष्ट्र के नासिक शहर में हुआ था। सलदान्हा को उनकी लेग स्पिन गेंदबाजी और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था। उनकी लेग ब्रेक गुगली को पढ़ना बड़े-बड़े बल्लेबाजों के लिए मुश्किल होता था। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने महाराष्ट्र के लिए 57 मैचों में 2066 रन बनाए, जिसमें एक शतक शामिल था। साथ ही, उन्होंने 138 विकेट भी झटके थे।

महाराष्ट्र क्रिकेट संघ ने निकोलस सलदान्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें महाराष्ट्र क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक बताया। एमसीए ने कहा कि सलदान्हा एक समर्पित और प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे जिन्होंने महाराष्ट्र में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और कोच बॉब सिम्पसन का भी 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सिम्पसन ने 1957 में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू किया था और 1978 तक टीम में बने रहे थे। उन्हें उन चुनिंदा खिलाड़ियों में गिना जाता है जिनका प्रभाव लंबे समय तक क्रिकेट जगत में रहा। उन्होंने 1980 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई टीम को बिखरने से बचाया था। 1987 में ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार विश्व कप जीता था, और उस समय टीम के कोच सिम्पसन ही थे। 1989 में एशेज जीत के समय भी उन पर ही कोचिंग की जिम्मेदारी थी।

सिम्पसन का योगदान न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में रहा, बल्कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट को बढ़ावा देने में भी अहम योगदान दिया। 2000 के दशक में वह रणजी टीम राजस्थान टीम में भी शामिल थे। 1992 में वह भारतीय टीम के कोच भी रह चुके हैं।

बॉब सिम्पसन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 62 टेस्ट मैचों में 46.81 की औसत से 4869 रन बनाए, जिसमें 10 शतक और 31 अर्धशतक शामिल थे। उन्होंने 71 विकेट भी लिए थे। उन्होंने 257 फर्स्ट क्लास मैचों में 56.22 की औसत से 21,029 रन बनाए, जिसमें 60 शतक और 100 अर्धशतक शामिल थे। साथ ही उन्होंने 349 विकेट भी झटके थे।

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