चीन के विदेश मंत्री वांग यी लाव-लश्कर के साथ भारत पहुंच चुके हैं. अगले तीन दिनों में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई भारतीय नेताओं से मुलाकात करेंगे. यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और व्यापारिक मुद्दों पर तनाव जारी है. हालांकि, हाल के समय में दोनों देशों ने संबंधों को सुधारने के प्रयास भी किए हैं. वांग का यह दौरा उसी कड़ी का हिस्सा है.
तीन साल बाद भारत आए वांग यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलेंगे. इससे पहले, वांग यी मार्च 2022 में भारत आए थे. वो दौरा 2020 की गलवान घाटी की झड़प के बाद उनकी पहली भारत यात्रा थी. वह भारत-चीन सीमा के मुद्दे पर 24वें दौर की विशेष प्रतिनिधियों की बैठक में भी भाग लेंगे.
भारत और चीन के बीच कड़वाहट का मुख्य कारण 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) है. 1962 के युद्ध से लेकर 2020 की गलवान घाटी की झड़प तक, कई घटनाओं ने दोनों देशों के बीच अविश्वास को बढ़ाया है. गलवान घाटी की झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद भारत ने 100 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके अलावा, भारत ने निवेश पर भी सख्ती बरती और सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाई.
हालांकि, 2022-2024 के बीच 20 से अधिक सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं से डेमचोक और देपसांग जैसे क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी (Disengagement) हुई है. लेकिन स्थिति अभी भी पूरी तरह से शांतिपूर्ण नहीं है.
दोनों देश आर्थिक और रणनीतिक सहयोग बढ़ाना चाहते हैं. चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, लेकिन 2024 में 100 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार घाटा भारत के लिए चिंता का विषय है. आर्थिक मोर्चे पर चीन भारत के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि अमेरिका के साथ संबंध पहले जैसे नहीं रहे. ऐसे में, वांग यी की यात्रा भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक दोनों ही रूप से महत्वपूर्ण है.
वांग यी के भारत दौरे का मुख्य उद्देश्य बीजिंग और नई दिल्ली के बीच की दूरी को कम करना है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि दोनों देश नेताओं के बीच बनी सहमति को लागू करेंगे, उच्च-स्तरीय संवाद बनाए रखेंगे और व्यावहारिक सहयोग बढ़ाएंगे. इस दौरे का उद्देश्य सीमा पर शांति बहाल करना भी है. अजीत डोभाल से वांग यी की मुलाकात के नतीजों पर ही शांति की संभावना निर्भर करती है.
भारत और चीन समझते हैं कि टकराव से दोनों को नुकसान होगा. ब्रिक्स और SCO जैसे मंचों पर दोनों देश पहले से ही सहयोग करते आ रहे हैं.
चीन से आयात पर निर्भरता कम करने के बावजूद भारत को चीनी निवेश की जरूरत है. 2024 तक चीन ने भारत में 2 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश किया था, जो गलवान घाटी की घटना के बाद रुक गया. इस यात्रा से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश बढ़ सकता है, जो मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देगा. भारत चीनी बाजार में फार्मा और कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाकर व्यापार घाटा कम कर सकता है.
भारत और चीन की संयुक्त आबादी 2.8 अरब है, जो दुनिया की आबादी का 35 प्रतिशत है. दोनों देशों में तनाव कम होने से सेमीकंडक्टर और रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई चेन मजबूत होगी, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद है.
यह दौरा भारत की मल्टी-अलाइनमेंट नीति को मजबूत करेगा. अमेरिका के साथ टैरिफ टेंशन में चीन से अच्छे संबंध भारत को संतुलन बनाए रखने में मदद करेंगे. LAC पर शांति बहाल होने से भारत अपनी सैन्य तैनाती दूसरे मोर्चों पर कर सकता है.
ब्रिक्स और SCO में भारत की स्थिति मजबूत होगी, जहां चीन का प्रभाव बड़ा है. जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चीन के साथ सहयोग बढ़ सकता है. यह दौरा रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन टेक्नोलॉजी में साझेदारी को भी बढ़ावा दे सकता है.
अमेरिका के हालिया टैरिफ बढ़ाने से भारत-अमेरिका व्यापार को झटका लगा है. ऐसे में चीन के साथ करीबी वैश्विक स्तर पर भारत की स्वतंत्र छवि को और मजबूत करेगी. वांग यी का दौरा दिखाएगा कि भारत किसी एक देश पर निर्भर नहीं है और इंडो-पैसिफिक रणनीति में संतुलन बनाए रखना चाहता है.
यदि तकनीकी सहयोग पर बात हुई, तो भारत को सस्ती और एडवांस तकनीक मिल सकती है. हालांकि भारत का इस मसले पर हमेशा से सुरक्षा संबंधी चिंता रही है.
इन मुद्दों के अलावा, दोनों देशों के बीच आतंकवाद, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली, सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी बातचीत हो सकती है.
#WATCH | Delhi: Chinese Foreign Minister Wang Yi arrives in India on a visit on 18-19 August 2025, at the invitation of NSA Ajit Doval.
— ANI (@ANI) August 18, 2025
EAM Dr S Jaishankar will hold a bilateral meeting with Wang Yi. During his visit, Wang Yi will hold the 24th round of the Special… pic.twitter.com/ol0Gwg74J8
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