झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री और झामुमो के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह दिल्ली से रांची लाया गया। बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हजारों लोगों ने नम आंखों से अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई दी।
दिल्ली से लाए गए पार्थिव शरीर को सबसे पहले बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर झामुमो कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शव यात्रा विधानसभा परिसर पहुंची, जहां विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो, पूर्व मंत्री बादाल पत्रलेख, विधायक राजेश काछप, प्रदीप यादव सहित कई मंत्री और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने नम आंखों से अपने साथी को अंतिम विदाई दी।
विधानसभा से पार्थिव शरीर को झामुमो कार्यालय ले जाया गया, जहां आम कार्यकर्ताओं और जनता के दर्शनार्थ रखा गया। यहां भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और अपने प्रिय नेता को अंतिम नमन किया। वातावरण गमगीन रहा और सोरेन दादा अमर रहें के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।
नेताओं को अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर उनके विधानसभा क्षेत्र घाटशिला ले जाया जाएगा। वहां अंतिम यात्रा निकाली जाएगी और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शव को जमशेदपुर स्थित आवास पर भी आम जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सोरेन दादा, आपका यूं चले जाना बेहद दुखद है। आपने झारखंड की राजनीति और समाज के लिए जो योगदान दिया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता।
झामुमो की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका इस समय चले जाना जब वे अभी-अभी मंत्री बने थे, उनके परिवार, झामुमो परिवार और पूरे राज्य के लिए बड़ा आघात है।
शनिवार को विधानसभा परिसर में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इस दौरान झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, कई मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि दो अगस्त को जमशेदपुर स्थित आवास में बाथरूम में गिरने से रामदास सोरेन को गंभीर चोट लगी थी। ब्रेन हेमरेज के बाद उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज जारी था, लेकिन शुक्रवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
62 वर्षीय रामदास सोरेन तीन बार घटशिला से विधायक चुने गए। अपने सरल स्वभाव और संघर्षशील व्यक्तित्व के कारण वे जनता के बीच बेहद लोकप्रिय थे। वर्तमान में वे झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत थे और राज्य के शिक्षा सुधार को लेकर सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
*#WATCH | Ranchi, Jharkhand: Mortal remains of State Minister Ramdas Soren are brought back to Ranchi. pic.twitter.com/RjNQDI3YtW
— ANI (@ANI) August 16, 2025
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