भारतीय क्रिकेट से गहरा नाता रखने वाले, टीम को पहला विश्व कप दिलाने वाले कोच ने शनिवार को अंतिम सांस ली। उनके अचानक निधन से पूरी टीम इंडिया शोक में डूब गई है। खिलाड़ियों के चाहने वाले सदमे में हैं और राजनीतिक गलियारों में भी खामोशी छा गई है।
पूरा देश कोच के जाने से दुखी है और खिलाड़ियों के चेहरों पर मायूसी है। उनकी कप्तानी में टीम ने लंबे समय बाद विश्व कप ट्रॉफी उठाई थी, और रणजी ट्रॉफी में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
पूर्व कोच के निधन से टीम इंडिया को बड़ा झटका लगा है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच और कप्तान बॉब सिम्पसन ने 89 वर्ष की आयु में सिडनी में अंतिम सांस ली।
एक समय ऑस्ट्रेलियाई टीम विश्व क्रिकेट पर राज करती थी, और उसे बनाने में बॉब का अहम योगदान था। 1986 में बॉब कंगारू टीम के कोच बने, जब टीम बुरे दौर से गुजर रही थी। उन्होंने एलन बॉर्डर के साथ मिलकर एक नई और युवा टीम का निर्माण किया और उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
बॉब की कोचिंग में टीम ने 1987 का विश्व कप जीता और 1989 में एशेज श्रृंखला पर कब्जा किया। 1995 में टीम ने मजबूत वेस्टइंडीज को हराकर एक नए अध्याय की शुरुआत की।
बॉब सिम्पसन कोचिंग में नाम कमाने से पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए सलामी बल्लेबाज और कप्तान भी रहे थे। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के सबसे खतरनाक और दिग्गज बल्लेबाजों में गिना जाता था, जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी और लेग स्पिन गेंदबाजी से विरोधी टीमों को खूब परेशान किया।
1968 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद, ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट ने उन्हें 1977 में वापस पिच पर लौटने के लिए राजी किया। 41 साल की उम्र में वापसी करते हुए उन्होंने 10 टेस्ट मैच खेले और दो शतक ठोके। हालांकि बाद में उनका औसत गिर गया। बॉब की वापसी उस समय करवाई गई थी, जब टीम अंदरूनी राजनीति के कारण बिखरने लगी थी।
बॉब का न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट, बल्कि टीम इंडिया और रणजी टीम राजस्थान से भी गहरा नाता रहा है। 1986 से 1996 तक शानदार कोचिंग करियर के बाद, उन्होंने 1990 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के सलाहकार के तौर पर काम किया, और 2000 के दशक की शुरुआत में रणजी ट्रॉफी में राजस्थान टीम के लिए भी इसी भूमिका में रहे।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने सोशल मीडिया के जरिए पूर्व कप्तान को श्रद्धांजलि दी और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए उनके योगदान की सराहना की।
बॉब सिम्पसन ने अपने देश के लिए 62 टेस्ट की 111 पारियों में 46.81 की औसत से 4869 रन बनाए, जिसमें 10 शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने दो वनडे में सिर्फ 36 रन बनाए। बॉब ने टेस्ट में अपनी लेग स्पिन गेंदबाजी से 71 विकेट लिए थे, जबकि वनडे में 2 विकेट। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 277 मैच खेले, जिसमें 56.22 की औसत से 21029 रन बनाए, जिसमें 60 शतक और 100 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 349 विकेट भी लिए हैं और टेस्ट में तिहरा शतक भी लगाया है।
RIP to a true cricket legend.
— Cricket Australia (@CricketAus) August 16, 2025
A Test cricketer, captain, coach and national selector - Bob Simpson was a mighty figure in Australian cricket, giving everything to our game.
Cricket Australia extends our thoughts and sympathies to Bob’s family and friends. pic.twitter.com/U8yGeZNmCb
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