6 दिन में कैसे हुआ 6 महीने का काम? कांग्रेस का आरोप - चुनाव आयोग से भाजपा को सीधी सप्लाई !
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कांग्रेस और भाजपा के बीच लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक टकराव और तेज हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने भी फर्जी वोटर लिस्ट जारी की है और बताया कि 6 लोकसभा क्षेत्रों में फर्जी वोटर हैं और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी है।

खेड़ा ने दावा किया कि भाजपा और चुनाव आयोग के बीच सांठगांठ है और अब यह चुनाव रद्द होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा नेताओं को मतदाता सूची के आंकड़े इतनी जल्दी कैसे मिल गए, जबकि कांग्रेस को यह सुविधा नहीं दी गई।

पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी का मामला उठाने के कुछ घंटों के भीतर ही उन्हें चुनाव आयोग से नोटिस मिला, जबकि भाजपा नेता अनुराग ठाकुर के प्रेस कॉन्फ्रेंस के 24 घंटे बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कांग्रेस नेता का आरोप है कि आयोग विपक्ष को इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची देने से बच रहा है, लेकिन भाजपा को ये डेटा आसानी से उपलब्ध है। खेड़ा ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गंभीर हमला बताया।

खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी को प्रेस कांफ्रेंस के कुछ देर बाद ही आयोग का नोटिस आ जाता है और उनसे हलफनामा मांगा गया, लेकिन अनुराग ठाकुर के प्रेस कॉन्फ्रेंस के 24 घंटे से ज्यादा बीत गए हैं, लेकिन उन्हें कोई नोटिस नहीं आया।

हमें बेंगलुरु के विधानसभा क्षेत्र महादेवपुरा के आंकड़ों को इकट्ठा करने में 6 महीने लग गए थे, क्योंकि हमें इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची नहीं दी गई। वहीं अनुराग ठाकुर को सिर्फ छह दिन में छह लोकसभा सीटों का आंकड़े मिल गया।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा ने रायबरेली, वायनाड, डायमंड हार्बर और कन्नौज सहित छह लोकसभा क्षेत्रों में मतदाता पंजीकरण में गड़बड़ी के आरोप लगाए। अनुराग ठाकुर ने इन आंकड़ों के आधार पर विपक्षी नेताओं से इस्तीफे की मांग की।

खेड़ा ने सवाल किया कि जब भाजपा इन आंकड़ों तक इतनी जल्दी पहुंच सकती है, तो विपक्ष को यह सुविधा क्यों नहीं दी जाती। उनका कहना है कि अगर वाराणसी की इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची सामने आ जाए तो फर्जी वोटिंग का सच उजागर हो जाएगा।

खेड़ा ने जोर देकर कहा कि वाराणसी में मतगणना के दिन प्रधानमंत्री को फर्जी मतदाताओं का बूस्टर डोज मिला था और यह प्रधानमंत्री की कुर्सी चुराने जैसा है।

उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पक्ष और विपक्ष दोनों आयोग से सवाल पूछ रहे हैं, तो उनकी चुप्पी लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।

कांग्रेस का मानना है कि मौजूदा हालात में 2024 का लोकसभा चुनाव रद्द कर नए सिरे से मतदान कराना ही उचित होगा।

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