हूतियों का सनसनीखेज फैसला: पूर्व राष्ट्रपति के बेटे को सुनाई मौत की सजा, संपत्ति होगी जब्त
News Image

यमन की हूती सरकार, इजराइल पर हमलों और फिलिस्तीन को समर्थन देने के कारण लगातार चर्चा में है। हूतियों की एक अदालत ने अब एक बड़ा फैसला सुनाया है।

दिवंगत यमनी राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के बेटे, अहमद अली अब्दुल्ला सालेह को जासूसी का दोषी पाया गया है। अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है, साथ ही उनकी सभी संपत्तियों को जब्त करने का भी आदेश दिया है। हूतियों के इस कदम पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

हूती से जुड़े सबा समाचार एजेंसी के अनुसार, गुरुवार शाम को एक बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि केंद्रीय सैन्य न्यायालय ने अहमद अली अब्दुल्ला सालेह अफश के खिलाफ यह फैसला सुनाया है। उन्हें देशद्रोही, दुश्मन के साथ सहयोग करने, जासूसी करने और भ्रष्टाचार के अपराधों का दोषी पाया गया है। इसलिए, उन्हें मौत की सजा और उनकी संपत्ति जब्त करने की सजा दी गई है।

अहमद अली अब्दुल्ला सालेह, दिवंगत राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के 53 वर्षीय सबसे बड़े बेटे हैं। उन्होंने 2011 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान रिपब्लिकन गार्ड के कमांडर के रूप में काम किया था। उस समय वह यमनी सेना की रिपब्लिकन गार्ड इकाई में लगभग 80 हजार सैनिकों की कमान संभाल रहे थे। बाद में, 2013 से 2015 तक, उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात में यमन के राजदूत के रूप में भी सेवा की।

2015 में, ईरान समर्थित हूतियों ने उनके पिता, पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के साथ गठबंधन तोड़कर राजधानी सना पर नियंत्रण कर लिया। इसके बाद अहमद को राजदूत के पद से बर्खास्त कर दिया गया। अहमद का जन्म 1972 में सना में हुआ था। उन्होंने अमेरिका से प्रबंधन विज्ञान में स्नातक और जॉर्डन से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने दोनों देशों में सैन्य विज्ञान में विभिन्न पाठ्यक्रम भी किए हैं।

दिसंबर 2017 में, हूतियों द्वारा अपने पिता की हत्या के बाद, अहमद अली ने एक बयान जारी कर अपने पिता के निधन पर शोक व्यक्त किया और बदला लेने की धमकी दी। वह अभी भी संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं और उनके पास कोई आधिकारिक पद नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में उन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए थे, जिन्हें बाद में जुलाई 2024 में हटा लिया गया था।

इस सजा के बाद सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विपक्षी न्यूज़ अकाउंट्स और वेबसाइटों ने हूतियों पर हमला बोला है। इसे राजनीतिक बदला लेने और अहमद अली सालेह के किसी भी वित्तीय या राजनीतिक प्रभाव को छीनने की कोशिश करार दिया जा रहा है क्योंकि इस फैसले में उनकी चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान है।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

जवान के लिए नेशनल अवॉर्ड मिलने पर शाहरुख खान की पहली प्रतिक्रिया

Story 1

ट्रंप का खलीफा बनने का शौक! व्हाइट हाउस में रेसलर , क्या चाहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति?

Story 1

समोसे पर संसद में सवाल: रवि किशन पर नेहा सिंह राठौर का हमला, बताया देश पर बोझ

Story 1

मेरे पापा जंग रुकवाएंगे! रूस के 1 लाख से ज़्यादा सैनिक ढेर, शांति के लिए ट्रंप के बेटे भी मैदान में

Story 1

जूता मारने की धमकी! डीआईओएस के सामने शिक्षक और लेखाधिकारी भिड़े, वीडियो वायरल

Story 1

जो यशस्वी नहीं कर पाए, वो आकाश दीप ने कर दिखाया: गंभीर भी मुस्कुरा उठे!

Story 1

जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में मुठभेड़, लश्कर का आतंकी ढेर, दो दहशतगर्द घिरे

Story 1

मॉस्को संग तनाव के बीच ट्रंप का सनसनीखेज बयान: रूस से परमाणु युद्ध के लिए तैयार है अमेरिका!

Story 1

शशि थरूर के खिलाफ मानहानि का केस वापस लो: सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर कांग्रेस सांसद की प्रतिक्रिया

Story 1

लखनऊ: एएसपी पत्नी ने बेटे का मुंह दबाया, गला घोंटने की कोशिश!