हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने तबाही मचा रखी है। कुल्लू जिले की पार्वती घाटी में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, मलाणा-1 जल विद्युत परियोजना का कॉफर डैम शुक्रवार को बाढ़ से आंशिक रूप से टूट गया। इस घटना में एक हाइड्रा मशीन, एक डम्पर, एक रॉक ब्रेकर और एक कैंपर पानी में बह गए। अच्छी बात यह है कि किसी की जान नहीं गई।
लगातार बारिश और बाढ़ के कारण पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे आसपास के इलाकों में खतरा बढ़ गया है। पार्वती घाटी में कुछ अस्थायी पुल भी बह गए हैं। कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है और सड़कों का कुछ हिस्सा बह गया है।
हालांकि अभी तक किसी बड़े हादसे की खबर नहीं है, लेकिन जिले में अभी भी बारिश जारी है। प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कुल्लू ने लोगों से सावधानी बरतने और नदी-नालों और भूस्खलन संभावित इलाकों से दूर रहने की अपील की है। प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और राहत कार्यों के लिए टीमें अलर्ट पर हैं।
लाहौल स्पीति जिले के जिस्पा के पास ग्रेफ कैंप के नजदीक भी बाढ़ आई है। इससे केलांग-दारचा-सारचू-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सड़क को बहाल करने में लगा हुआ है।
मौसम विभाग ने प्रदेश में 5 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 2 अगस्त को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 3 अगस्त को चंबा, कांगड़ा और सिरमौर में भी भारी बारिश हो सकती है। 4 अगस्त को मानसून और तेज होगा, जिससे लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर बाकी 10 जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। 5 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है।
लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से पूरे प्रदेश में 2 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 283 सड़कें बंद हो गई हैं। मंडी और लाहौल स्पीति में एक-एक नेशनल हाईवे बंद है। इसके अलावा 314 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं भी ठप हो गई हैं, जिससे लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मानसून सीजन में 20 जून से अब तक प्रदेश में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 176 लोगों की मौत हो चुकी है, 281 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग अभी भी लापता हैं। सबसे ज्यादा मौतें मंडी में (35) हुई हैं। कांगड़ा में 28, कुल्लू में 18, चंबा में 17, शिमला में 15, सोलन में 12, हमीरपुर, किन्नौर और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।
अब तक बादल फटने की 28, बाढ़ की 47 और भूस्खलन की 42 घटनाएं हो चुकी हैं। भारी बारिश से 1526 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें 443 पूरी तरह से ढह गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है, जहां 1073 घर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 386 पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। प्रदेश को मानसून के दौरान अब तक 1678 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
*Worrisome visuals coming from Malana Power Project Himachal — river in full fury after heavy rain, multiple vehicles washed away! IMD has issued alert for heavy rains in the next 3–4 hours.
— Nikhil saini (@iNikhilsaini) August 1, 2025
Stay safe, stay alert! pic.twitter.com/YahzrpRYAk
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