11 मैच, 1108 रन: क्या सेलेक्टर्स की अनदेखी के बाद अब हसीब हमीद की होगी टीम में एंट्री?
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इंग्लैंड इस समय भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रहा है, जिसमें टीम इंडिया 2-1 से आगे है. आखिरी टेस्ट करो या मरो का मुकाबला है. इस सीरीज में जैक क्रॉली और बेन डकेत इंग्लैंड के लिए पारी की शुरुआत कर रहे हैं. डकेत ने संतोषजनक प्रदर्शन किया है, लेकिन क्रॉली रनों के लिए संघर्ष करते दिखे. उन्होंने चार मैचों की सात पारियों में सिर्फ 30 की औसत से 212 रन बनाए हैं.

क्रॉली की बार-बार विफलता के बीच, एक खिलाड़ी पिछले तीन सालों से टीम में वापसी के लिए काउंटी में रनों की बारिश कर रहा है. इस खिलाड़ी ने काउंटी के घरेलू सीजन में अब तक 1100 से ज्यादा रन बनाए हैं. लगभग हर मैच में उसने गेंदबाजों को परेशान किया है और अपनी टीम के लिए एक दीवार बनकर खड़ा हो गया है.

यह खिलाड़ी हसीब हमीद हैं, जिन्होंने 19 साल की उम्र में इंग्लैंड के लिए डेब्यू किया था. आखिरी बार वह 2022 में इंग्लैंड के लिए खेले थे. टीम से बाहर होने के बाद हसीब ने घरेलू क्रिकेट में खूब मेहनत की. वह इन दिनों काउंटी क्रिकेट के डिवीजन वन की टीम नॉटिंघमशायर की कप्तानी कर रहे हैं और ओपनिंग का जिम्मा संभाल रहे हैं.

हसीब हमीद काउंटी क्रिकेट के डिवीजन वन में शानदार फॉर्म में हैं. नॉटिंघमशायर के लिए खेलते हुए उन्होंने बल्ले से रनों की झड़ी लगा दी है और अब वह डिवीजन वन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन चुके हैं. समरसेट के खिलाफ उन्होंने दोहरा शतक (208 रन) जड़कर अपनी प्रतिभा दिखाई. उन्होंने 388 गेंदों पर 23 चौके और 2 छक्के लगाकर 208 रनों की यादगार पारी खेली.

काउंटी के इस सीजन में हसीब ने 11 मैचों की 19 पारियों में 79.14 की शानदार औसत से 1108 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 3 शतक और 5 अर्धशतक लगाए हैं, और उनका स्ट्राइक रेट भी 59.47 रहा है.

लंबे समय से इंग्लैंड की टेस्ट टीम में वापसी का सपना देख रहे हमीद के लिए यह प्रदर्शन बहुत महत्वपूर्ण है. उन्हें जल्द ही राष्ट्रीय टीम में वापसी का मौका मिल सकता है. कभी भारत के खिलाफ अपनी डेब्यू सीरीज में सबका दिल जीतने वाले इस बल्लेबाज ने एक बार फिर साबित किया है कि वह इंग्लैंड के रेड-बॉल क्रिकेट में बड़ा नाम बन सकते हैं. अब सेलेक्टर्स के लिए उन्हें नज़रअंदाज़ करना आसान नहीं होगा.

हसीब ने 2016 में भारत के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. वह सबसे कम उम्र में इंग्लैंड के लिए डेब्यू करने वाले सलामी बल्लेबाज थे. राजकोट में खेले गए पहले ही टेस्ट में उन्होंने 82 रनों की पारी खेली थी, और फिर दूसरी पारी में 59 रन बनाए थे. उस समय उनकी उंगली में फ्रैक्चर हुआ था. इंग्लैंड के लिए अब तक उन्होंने 10 टेस्ट की 19 पारियों में 24.39 की औसत से 439 रन बनाए हैं.

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