पिछले 24 घंटों में डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह भारतीयों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई है, उसका असर सोशल मीडिया पर साफ़ दिखाई दे रहा है. सरकार विपक्ष के सवालों के घेरे में है. पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की केमिस्ट्री, हाउडी मोडी और नमस्ते ट्रंप की यादें अब सवालों में घिर गई हैं.
ट्रंप एक बिजनसमैन हैं और अमेरिका की तरक्की के बारे में सोच रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़े संघर्ष में चौधरी बनकर उन्होंने फायदा उठाया है.
अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है, जो पेनाल्टी के साथ 30-35 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. ट्रंप गुस्से में हैं कि भारत ने रूस से तेल और हथियार खरीदना क्यों बंद नहीं किया. वह खुलकर कह रहे हैं कि पीएम मोदी उनके दोस्त हैं, लेकिन वह अमेरिका के साथ ज्यादा बिजनस नहीं कर रहे हैं. यह साफ तौर पर ब्लैकमेलिंग है: बिजनस नहीं तो टैरिफ लगाएंगे.
पाकिस्तान से अमेरिका क्या बिजनेस करेगा? बंटवारे के बाद से अमेरिका चीन से निपटने के लिए पाकिस्तान की तरफदारी करता रहा है. पहले कार्यकाल में ट्रंप ने पाकिस्तान को लताड़ा था, लेकिन अब भारत पर पेनाल्टी लगाकर उन्होंने उसी आतंकिस्तान के साथ ट्रेड एग्रीमेंट की घोषणा कर दी है. भारत के साथ भी डील होनी है, लेकिन अभी नहीं हुई है.
आतंकियों की फैक्ट्री लगाने वाले देश के साथ ट्रंप कौन सा बिजनस शुरू करना चाहते हैं? पाकिस्तान के पास ऐसा क्या है? यूक्रेन और चीन के पास रेयर अर्थ मिनरल्स ज्यादा हैं, लेकिन चीन आनाकानी कर रहा है और यूक्रेन के साथ भी सब कुछ अच्छा नहीं है. अमेरिका को मिनरल्स तो चाहिए ही.
ऑपरेशन सिंदूर के समय अमेरिका ने पाकिस्तान को साध लिया. सरकार कह रही है कि ऑपरेशन रोकने में किसी देश का कोई रोल नहीं है, लेकिन ट्रंप वही बात बार-बार दोहरा रहे हैं. पाकिस्तान के आर्मी चीफ का ट्रंप के साथ डिनर करना और फिर भारत पर पेनाल्टी लगाकर पाकिस्तान के साथ डील की घोषणा चिढ़ाने वाला कदम है.
पाकिस्तान में विशाल तेल भंडार विकसित करने की घोषणा करते हुए ट्रंप ने भारतीयों को चिढ़ाते हुए यह भी कह दिया कि आगे चलकर भारत को पाकिस्तान से तेल खरीदना पड़ सकता है. जिस पाकिस्तान को हम दुनिया के सामने आतंकवाद की जननी के तौर पर बेनकाब कर रहे थे, उसी के साथ हाथ मिलाकर ट्रंप ने डिप्लोमेटिक नहीं, खुले तौर पर अंगूठा दिखाया है. अब पाकिस्तान अमेरिका में आसानी से अपना सामान बेच सकेगा.
अमेरिका स्थित पाक दूतावास ने बताया है कि यह डील विशेष रूप से ऊर्जा, माइन्स और मिनरल्स, आईटी, क्रिप्टोकरेंसी और दूसरे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग का प्रतीक है.
ट्रंप की नजर पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र पर है. पाकिस्तान में कई जगहों पर खनिज भंडार हो सकते हैं: तांबा, सोना, लीथियम, एंटीमनी जैसे कई महत्वपूर्ण खनिज. पाकिस्तान काफी समय से खनन क्षेत्र में निवेश का माहौल और इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की कोशिश कर रहा है. अब अमेरिका ने इंटरेस्ट दिखाया है.
पाकिस्तान में टेथियन मेटालोजेनिक बेल्ट है, जहां तांबा और सोने का भंडार माना जाता है. चीन ग्वादर और आर्थिक गलियारे के जरिए देश में बहुत कुछ कर नहीं पा रहा था, इधर भारत के धमाकेदार एक्शन से अमेरिका को पाकिस्तान को पुचकारने का मौका मिल गया.
सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र बलूचिस्तान है, जहां अमेरिका के पहुंचने से पाकिस्तान को न केवल फंड मिलेगा, बल्कि उसे भारत के खिलाफ सुरक्षा की गारंटी भी मिल जाएगी. यह भारत के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.
In a landmark development, Pakistan and the United States finalized a trade agreement today aimed at boosting bilateral trade, expanding market access, attracting investment, and fostering cooperation in areas of mutual interest.
— Pakistan Embassy US (@PakinUSA) July 31, 2025
The breakthrough was reached during a meeting of… pic.twitter.com/1R3hC95Ry5
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