मुंबई: सरकारी कर्मचारियों पर सोशल मीडिया लगाम, आलोचना और गोपनीयता उल्लंघन पर रोक
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राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य सरकारी कामकाज की गोपनीयता बनाए रखना और सरकारी कर्मचारियों के आचरण को नियंत्रित करना है।

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोई भी सरकारी कर्मचारी राज्य सरकार या केंद्र सरकार की वर्तमान या हालिया नीतियों और कार्यों की आलोचना नहीं कर सकेगा। साथ ही, बिना अनुमति के किसी भी गोपनीय दस्तावेज़ या कागज़ात को फॉरवर्ड करने पर भी रोक लगा दी गई है।

कर्मचारियों को अपने निजी सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी सरकारी पद, वर्दी या सरकारी वाहन और भवनों की तस्वीरें, रील और वीडियो शेयर करने से बचने की सलाह दी गई है।

ये दिशा-निर्देश महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1979 के तहत जारी किए गए हैं, जो सरकारी कर्मचारियों के आचरण को नियंत्रित करते हैं। सरकार ने चेतावनी दी है कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कर्मचारियों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल सोच-समझकर और जिम्मेदारी से करने की सलाह दी गई है। उन्हें अपने व्यक्तिगत और आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट अलग-अलग रखने और केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंधित वेबसाइट और ऐप्स का इस्तेमाल न करने के लिए कहा गया है।

अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे अपने व्यक्तिगत या टीम प्रयासों से संबंधित पोस्ट करते समय आत्म-प्रशंसा से बचें और आपत्तिजनक, घृणास्पद, मानहानिकारक या भेदभावपूर्ण सामग्री पोस्ट करने से बचें।

ये नियम महाराष्ट्र सरकार के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू होंगे, जिसमें प्रतिनियुक्ति, संविदा और बाह्य स्रोतों से नियुक्त कर्मचारी भी शामिल हैं। यह नियम स्थानीय स्वशासन निकायों, बोर्डों, निगमों और सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी लागू होगा।

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने निजी और आधिकारिक इस्तेमाल के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट रखने होंगे। सरकार द्वारा प्रतिबंधित किसी भी वेबसाइट या ऐप का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। सरकारी योजनाओं की जानकारी केवल अधिकृत कर्मचारी ही साझा कर पाएंगे और इसके लिए पूर्व अनुमति जरूरी होगी।

योजनाओं की सफलता के आधार पर पोस्ट की जा सकती हैं, लेकिन अपना प्रचार बिल्कुल नहीं किया जा सकता। किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट में सरकारी लोगो, नाम, पता, वाहन या भवन जैसी किसी भी सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की घृणास्पद, मानहानिकारक, आपत्तिजनक या भेदभावपूर्ण सामग्री साझा करना सख्त मना है।

बिना पूर्व अनुमति के कोई भी सरकारी दस्तावेज़ या गोपनीय जानकारी अपलोड या साझा नहीं की जा सकती। यदि किसी कर्मचारी का स्थानांतरण होता है, तो उसे अपना आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट अपने उत्तराधिकारी को उचित रूप से सौंपना अनिवार्य होगा।

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