भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की सीरीज का चौथा मुकाबला ड्रॉ रहा। एक समय लग रहा था कि इंग्लैंड आसानी से जीत जाएगा, लेकिन शुभमन गिल और के एल राहुल ने शानदार बल्लेबाजी की। भारतीय फैंस चिंतित थे क्योंकि इंग्लैंड ने पहली पारी में 669 रन बनाकर 311 रन की बड़ी बढ़त ले ली थी। भारत को अगर मैच ड्रॉ करना था तो पूरे दिन बल्लेबाजी करनी पड़ती।
के एल राहुल और कप्तान गिल के आउट होने के बाद जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने मोर्चा संभाला। दोनों खिलाड़ियों के बीच 203 रन की साझेदारी हुई जिससे टीम इंडिया सीरीज हारने से बच गई। लेकिन मैच के आखिरी घंटे में स्टोक्स और जडेजा के बीच जो ड्रामा हुआ, उसकी चर्चा हर तरफ है।
दरअसल, जब 15-16 ओवर बचे थे, तब स्टोक्स ने अचानक मैच खत्म करने की पेशकश की और जडेजा से हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़े। लेकिन जडेजा और सुंदर ने मना कर दिया। स्टोक्स चाहते थे कि मैच ड्रॉ हो जाए क्योंकि दोनों भारतीय बल्लेबाज शतक के करीब थे। जडेजा 89 और सुंदर 80 रन पर थे।
स्टोक्स ने जडेजा से बहस करते हुए पूछा कि क्या वह ब्रूक और डकेट जैसे पार्ट-टाइम गेंदबाजों के खिलाफ शतक बनाना चाहते हैं? जडेजा ने भी जवाब दिया कि वह बाहर क्यों जाएं? जडेजा ने अपना इरादा जाहिर कर दिया था कि वे अपना शतक पूरा करेंगे और दोनों भारतीय बल्लेबाजों ने ऐसा ही किया। जडेजा ने जहां अपना पांचवां शतक लगाया, वहीं सुंदर ने टेस्ट क्रिकेट में पहली बार शतक जड़ा। सुंदर के शतक के साथ ही मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
टेस्ट क्रिकेट के नियम 12.7.6 के अनुसार, अंतिम घंटे में कम से कम 15 ओवर फेंके जाने चाहिए। अंतिम दिन, यदि दोनों कप्तानों को लगता है कि किसी भी टीम के जीतने की कोई संभावना नहीं है, तो वे मैच समाप्त करने पर सहमत हो सकते हैं।
जडेजा ने हैरी ब्रुक की गेंद पर छक्का लगाकर अपना छठा टेस्ट शतक पूरा किया। स्टंप माइक पर स्टोक्स की एक लाइन सुनाई दी। इसके बाद, वाशिंगटन सुंदर ने भी तेजी से अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ दिया। सुंदर के शतक के साथ ही खिलाड़ियों ने हाथ मिलाकर मैच खत्म करने का फैसला किया।
मैच के बाद जब शुभमन गिल से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टीम चाहती थी कि दोनों खिलाड़ी अपने शतक पूरे करें। ड्रॉ पर सहमत न होने के सवाल पर उन्होंने कहा, यह उनका (जडेजा-सुंदर का) फैसला था लेकिन दोनों ने शानदार बल्लेबाजी की थी और 90 रन तक पहुंचे थे। इसलिए वे शतक के हकदार थे।
इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स से जब उनके एक्शन के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने गेंदबाजों की फिटनेस का बहाना बनाया। उन्होंने कहा कि वह अपने तेज गेंदबाजों को खतरे में नहीं डालना चाहते थे।
भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर को स्टोक्स का यह रवैया पसंद नहीं आया और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब दिया। गंभीर ने कहा, अगर इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज 90 रन पर खेल रहा होता, तो क्या वे ड्रॉ के लिए राजी होते? क्या वे (जडेजा और सुंदर) शतक के हकदार नहीं थे?
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— Star Sports (@StarSportsIndia) July 27, 2025
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